एक बल्ब के तंतु का प्रतिरोध तापक्रम के साथ बढ़ता है। यदि बल्ब $100\, W, 220\, V$ का है एवं इसे $(220 \times 0.8)V$ के स्त्रोत से जोड़ा गया है। तो बल्ब की शक्ति होगी
$90\, W$
$81\, W$
$90\, W$ एवं $100\, W$ के मध्य
$81\, W$ एवं $90\, W$ के मध्य
$60$ वॉट, $100 $ वॉट व $200$ वाट के तीन बल्बों को समान्तर क्रम में जोड़ा गया है, तब
यदि हीटर के तंतु की लम्बाई $10\%$ से घटा दी जाये तो हीटर की शक्ति
$220$ वोल्ट पर कार्य करने वाली विभिन्न प्रतिरोध कुण्डलियाँ उपलब्ध हैं जो $50$ कैलोरी/सैकण्ड की दर से ऊष्मा उत्पन्न करती हैं। यदि उनके प्रतिरोध $55\,\Omega $, $110\,\Omega $, $220\,\Omega $ एवं $440\,\Omega $ है, तो अधिकतम शक्ति का हीटर .............. $\Omega$ होगा
किसी तापक कुण्डली को दो बराबर भागों में काटकर अब उसके केवल एक भाग का ही उपयोग हीटर में किया जाता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा अब हो जाएगी
एक सेल से ली गई अधिकतम शक्ति है (यहाँ $r$ आंतरिक प्रतिरोध एवं $E$ वि. वा. बल है)