किसी कण का स्थिति सदिश $\vec r = (a\cos \omega \,t)\hat i + (a\sin \omega \,t)\hat j$ है। कण का वेग होगा

  • [AIPMT 1995]
  • A
    स्थिति सदिश के समांतर
  • B
    स्थिति सदिश के अभिलम्बवत्
  • C
    मूलबिन्दु की ओर निर्देशित
  • D
    मूलबिन्दु से दूरस्थ निर्देशित

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एक कण $A$ को किसी ऊँचाई से गिराया जाता है एवं उसी ऊँचाई से अन्य कण $B$ को $5$ मीटर/सैकण्ड के वेग से क्षैतिज दिशा में फेंका जाता है। तब सत्य कथन है

  • [AIPMT 2002]

किसी सदिश में परिणाम व दिशा दोनों होते हैं। क्या इसका यह अर्थ है कि कोई राशि जिसका परिमाण व दिशा हो, वह अवश्य ही सदिश होगी ? किसी वस्तु के घूर्णन की व्याख्या घूर्णन-अक्ष की दिशा और अक्ष के परितः घूर्णन-कोण द्वारा की जा सकती है। क्या इसका यह अर्थ है कि कोई भी घूर्णन एक सदिश है ?

एक कण वेग $\overrightarrow{ v }=k( y\hat i +{ x \hat j})$ से गतिशील है, जहाँ $K$ एक स्थिरांक है। इसके पथ का व्यापक समीकरण है।

  • [JEE MAIN 2019]

घड़ी में सैकण्ड के कांटे की लम्बाई $1$ सेमी है। $15 $ सैकण्ड में इसकी नोंक के वेग में परिवर्तन होगा

यदि किसी समय पर, किसी कण के $x$ तथा $y$ निर्देशांक, क्रमशः $x=5 t-2 t^{2}$ तथा $y=10 t$ हैं ( जहाँ $x$ तथा $y$ मीटर में और $t$ सेकंड में हैं )। तो, $t =2\, s$ पर उस कण का त्वरण ........$m/sec^2$ होगा

  • [NEET 2017]