एक समानान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों को $100$ वोल्ट तक आवेशित किया गया है। एक $2$ मिमी मोटाई की पट्टी प्लेटों के बीच खिसकाया जाता है, तो प्लेटों के बीच वही विभवान्तर बनाए रखने के लिए प्लेटों के बीच दूरी $1.6$ मिमी बढ़ायी जाती है। पट्टी का परावैद्युतांक है

  • A
    $5$
  • B
    $1.25$
  • C
    $4$
  • D
    $2.5$

Similar Questions

तीन एकसमान संधारित्रों (identical capacitors) $C_1, C_2$ और $C_3$ में प्रत्येक की धारिता $1.0 \mu F$ है और शुरुआत में तीनों संधारित्र अनावेशित (uncharged) हैं। तीनों संधरित्रों को, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है, एक परिपथ (circuit) में जोड़ा गया है और उसके बाद $C_1$ में $\epsilon_{ r }$ सापेक्ष परावैद्युतांक (relative permittivity) का एक परावैदयुत (dielectric) पदार्थ पूर्णतः भरा जाता है। सेल (cell) का विद्युत् वाहक बल (electromotive force, emf) $V_0=8 V$ है। शुरुआत में कुंजी (switch) $S_1$ बंद है और कुंजी $S_2$ खुली है। संधारित्र $C_3$ के पूरी तरह आवेशित (charged) होने के बाद, एक ही पल मे एक साथ (simultaneously) कुंजी $S_1$ को खोल दिया जाता है और कुंजी $S_2$ को बंद कर दिया जाता है। जब सभी संधारित्र साम्यावस्था (equilibrium) में आ जाते हैं, तब संधारित्र $C_3$ पर $5 \mu C$ का आवेश पाया जाता है। $\epsilon_r$ का मान $\qquad$ है।

  • [IIT 2018]

प्लेट क्षेत्रफल $A$ व प्लेट विस्थापन (Separation) $d$ के एक समान्तर प्लेट संधारित्र को विभव $V$ तक आवेशित करके बैटरी को हटा लिया जाता है। $k$ परावैद्युतांक का एक स्लैव संधारित्र की प्लेटों के बीच रख दिया जाता है। ताकि यह प्लेटों के बीच खाली जगह को भर दें। यदि $Q$, $E$ व $W$ क्रमश: प्रत्येक प्लेट पर आवेश का परिणाम, प्लेटों के बीच विद्युत क्षेत्र (स्लैब रखने के बाद) व निकाय पर किया गया कार्य प्रदर्शित करते हैं, तो निम्न में से गलत सम्बन्ध है

  • [IIT 1991]

दो सर्वसम समान्तर पट्टिका संधारित्रों में, प्रत्येक की, धारिता $C$ है उनकी प्लेटों (पट्टिकाओं) का क्षेत्रफल $A$ हैं और पट्टिकाओं के बीच की दूरी $d$ है। दोनों प्लेटों के बीच के स्थान को $K _{1}, K _{2}$ तथा $K _{3}$ परावैधुतांक के तीन परावैधुत स्लैब से भर दिया है। सभी स्लैबों की मोटाई समान हैं किन्तु पहले संधारित्र में उन्हें, आरेख $I$ के अनुसार तथा दूसरे में आरेख $II$ के अनुसार रखा गया है।

$\left( E _{1}\right.$ तथा $E _{2}$ क्रमशः प्रथम तथा द्वितीय संधारित्र से सम्बन्धित है)

यदि इन नये संधारित्रों में प्रत्येक को समान विभव $V$ से आवेशित किया जाये तो, इनमें संचित ऊजाओं का अनुपात होगा ।

  • [JEE MAIN 2019]

एक समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $10\,\mu \,F$ (माइक्रो-फैराड) है, उसकी प्लेटों के मध्य में वायु भरी है। अब प्लेटों के बीच के आधे स्थान में एक परावैद्युत माध्यम, जिसका परावैद्युतांक $4$ है, भर दिया जााता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। संधारित्र की धारिता बदलकर .........$\mu \,F$ हो जाएगी

एक $C$ धारिता वाले समान्तर प्लेट संधारित्र के प्लेटों के बीच की दूरी $d$ है और प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $A$ है। प्लेटों के बीच, पूरे स्थान को प्लेटों के समान्तर, $\delta=\frac{ d }{ N }$ मोटाई वाली $N$ पराविधुत  परतों से भर देते है। $m ^{\text {h }}$ परत का पराविधुतांक $K _{ m }= K \left(1+\frac{ m }{ N }\right)$ है। बहुत अधिक $N \left(>10^3\right)$ के लिए धारिता $C =\alpha\left(\frac{ K \varepsilon_0 A }{ d \;ln 2}\right)$ है। $\alpha$ का मान. . . . .होगा। [मुक्त आकाश (free space) की विधुतशीलता $\epsilon_0$ है]

  • [IIT 2019]