एक $5\, \mu F$ संधारित्र को $220\, \,V$ विघुत आपूर्ति कर पूर्णत: आवेशित किया जाता है और पूणः आपूर्ति बंद कर इसे $2.5\, \mu F$ के संधारित्र के साथ श्रेणीक्रम में जोड़ दिया जाता है। यदि आवेश के पूणर्वितरण के दौरान ऊर्जा परिवर्तन $\frac{ X }{100} J$ है तो $X$ का मान निकटतम पूर्णाक में है

  • [JEE MAIN 2020]
  • A

    $4$

  • B

    $10$

  • C

    $9$

  • D

    $15$

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$2 \mathrm{~F}$ धारिता वाले एक समानान्तर पट्टिका संधारित्र को $\mathrm{V}$ विभव पर आवेशित किया जाता है। संधारित्र में संचित ऊर्जा का मान $\mathrm{E}_1$ है। अब इस संधारित्र को किसी दूसरे समरुप अनावेशित संधारित्र के साथ समानान्तर क्रम में जोड़ा जाता है। संयोजन में संचित ऊर्जा का मान $\mathrm{E}_2$ है। अनुपात $\mathrm{E}_2 / \mathrm{E}_1$ है:

  • [JEE MAIN 2023]

समान्तर प्लेट संधारित्र पर आवेश $q$ है। यदि बल लगाकर प्लेटों के मध्य दूरी दुगनी कर दी जाये तो बल द्वारा किया गया कार्य होगा

एक आवेशित संधारित्र की प्लेटों की बीच की दूरी बढ़ाने पर, संचित ऊर्जा

चित्र में दिखाये गये परिपथ में जब स्विच ' $S$ ' को ' $A$ ' से ' $B$ ' स्थिति में लाते है तो धारिता ' $C$ ' तथा कुल आवेश ' $Q$ ' के रूप में, परिपथ में क्षयित ऊर्जा का मान होगा।

  • [JEE MAIN 2019]

एक संधारित्र में संचित ऊर्जा का मान :