$m$ द्रव्यमान का एक कण $u$ वेग से $m$ द्रव्यमान के एक अन्य स्थिर कण से एक विमीय प्रत्यास्थ संघट्ट करता है, तथा संघट्ट के पश्चात् दोनों कण अल्प समय $T$ तक परस्पर संपर्क में रहते हैं। समयांतराल $\frac{T}{4}$ में संपर्क बल का मान $0$ से $F_0$ तक रैखिक रूप से बढ़ता है, तत्पश्चात् $\frac{T}{2}$ समय तक नियत रहता है तथा फिर $\frac{T}{4}$ समय में रैखिक रूप से घटकर शून्य हो जाता है, जैसा कि चित्र में प्रदर्शित है। $F_0$ का परिमाण है
$\frac{{mu}}{T}$
$\frac{{2mu}}{T}$
$\frac{{4mu}}{{3T}}$
$\frac{{3mu}}{{4T}}$
जब एक घोड़ा किसी गाड़ी को खींचता है, तो वह बल जो घोड़े को आगे बढ़ने में सहायक है, होता है
संवेग का सबसे निकट सम्बन्ध है
द्रव्यमान $m$ की एक वस्तु $v$ वेग से एक दीवार से टकराती है तथा टकराकर उसी चाल से वापस लौट आती है। वस्तु के संवेग में परिवर्तन होगा
समान द्रव्यमान $0.06$ किग्रा की दो गेंदें परस्पर विपरीत दिशा में $4 $ मी/सैकण्ड के वेग से आकर टकराती हैं, तथा उसी वेग से वापस लौटती हैं। प्रत्येक गेंद द्वारा दूसरी को ........... किग्रा $×$ मी/सैकण्ड आवेग प्रदान किया जाएगा
वह समय जिसमें $2 \,N $ का बल किसी वस्तु में $0.4$ किग्रा/मी सै का रेखीय संवेग उत्पन्न कर देती है, ......... $\sec$ होगा