किसी प्रक्षेप्य की अधिकतम क्षैतिज परास $400\, m$ है। इसके द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई का मान ......... $m$ होगा
$100$
$200$
$400$
$800$
यदि एक प्रक्षेप्य का प्रारम्भिक वेग दोगुना कर दिया जावे तथा प्रक्षेपण कोण वही रहे, तो उसकी महत्तम ऊँचाई
एक प्रक्षेप्य को $20\,ms ^{-1}$ वेग से क्षैतिज से ' $\alpha$ ' कोण पर प्रक्षेपित किया गया है। $10$ सेकण्ड बाद इसका क्षैतिज से झुकाव ' $\beta$ ' हो जाता है। $\tan \beta$ का मान होगा: $(g=10\,ms^{-2})$
मूल बिन्दु से $t=0$ पर प्रक्षेपित एक प्रक्षेप की स्थिति $t =2 \; s$ पर $\overrightarrow{ r }=(40 \hat{i}+50 \hat{j})\; m$ से दी जाती है। यदि प्रक्षेप क्षैतिज से $\theta$ कोण पर प्रक्षेपित किया गया था, तब $\theta$ है ( $g =10\; ms ^{-2}$ लें).
एक कण $R$ त्रिज्या के वृत्त में समान चाल से गति करते हुए एक चक्कर पूरा करने में $\mathrm{T}$ समय लेता है।
यदि यही कण क्षैतिज से उसी चाल से कोण ' $\theta$ ' पर प्रक्षेपित किया जाए, तो $4 \mathrm{R}$ के बराबर अधिकतम ऊँचाई प्राप्त करता है। प्रक्षेपण कोण $'\theta'$ दिया जाता है :
प्रक्षेप्य गति के किस बिन्दु पर त्वरण तथा वेग परस्पर लम्बवत् होते हैं