किसी धारावाही वृत्ताकार छल्ले के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $B _1$ है। दिए हुए वृत्ताकार छल्ले के केन्द्र से इसके अक्ष पर, इसकी त्रिज्या के $\sqrt{3}$ गुना दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $B _2$ है। $B _1 / B _2$ का मान होगा।
$9: 4$
$12: \sqrt{5}$
$8: 1$
$5: \sqrt{3}$
दो अनन्त लम्बाई के सीधे धारावाही चालक है और, नीचे दिये गये चित्रानुसार वे एक दूसरे पर लम्बवत् इस प्रकार रखे जाते हैं कि उनके उभयनिष्ठ सिरे मूल बिन्दु पर हों। दोनों चालकों में धारा का अनुपात $1: 1$ हैं। बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र है।
दी गई व्यवस्था में बिन्दु $O$ पर चुम्बकीय क्षेत्र है
किसी $R$ त्रिज्या के पतले छल्ले ( रिंग) पर $q$ आवेश समानरूप से विस्तारित (फैला) है। यह छल्ला अपनी अक्ष के परित: एकसमान आवृत्ति $fHz$ से घूर्णन करता है। तो इसके केन्द्र पर चुम्बकीय-प्ररेण का मान होगा:
एक वृत्ताकार धारावाही कुण्डली की त्रिज्या $R$ है। इसके अक्ष पर कितनी दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र के मान का $\frac{1}{8}$ होगा
दो वृत्ताकार कुण्डली $X$ एवं $Y$ में लपेटों की संख्या समान है एवं इनमें एकसमान धारा प्रवाहित हो रही है ये कुण्डलियाँ (चित्रानुसार) बिन्दु $O$ पर समान घनकोण अन्तरित करती है। छोटी कुण्डली $X$, कुण्डली $Y$ एवं बिन्दु $O$ के ठीक मध्य में स्थित है। यदि बिन्दु $O$ पर कुण्डली $Y$ के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $B_Y$ एवं $X$ के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र $B_X$ हो तब