एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $A$ हैं और प्लेटों के बीच दूरी $d$ हैं। प्लेटों के बीच स्थान को एक परावैद्युत से भरा गया है जिसकी विद्युतशीलता एक प्लेट पर $\varepsilon_{1}$ से दूसरी प्लेट पर $\varepsilon_{2}$ तक रेखिक रूप में परिवर्तित होती है। संधारित्र की धारिता हैं :

  • [JEE MAIN 2014]
  • A

    ${ \varepsilon _0}\left( {{ \varepsilon _1} + { \varepsilon _2}} \right)A/d$

  • B

    ${ \varepsilon _0}\left( {{ \varepsilon _2} + { \varepsilon _1}} \right)A/2d$

  • C

    ${ \varepsilon _0}\,A/\left[ {d\,\ln \left( {{ \varepsilon _2}/{ \varepsilon _1}} \right)} \right]$

  • D

    ${ \varepsilon _0}\left( {{ \varepsilon _2} - { \varepsilon _1}} \right)A/\left[ {d\,\ln \left( {{ \varepsilon _2}/{ \varepsilon _1}} \right)} \right]$

Similar Questions

एक समान्तर संधारित्र की प्लेटों के बीच पृथक्कृत नगण्य मोटाई की ऐल्युमीनियम की पत्ती रख दी जाती है। संधारित्र की धारिता

  • [AIEEE 2003]

एक संधारित्र, जिसकी प्लेटों के मध्य वायु है, को इस प्रकार आवेशित किया जाता है कि उसकी प्लेटों के बीच विभवान्तर $100$ वोल्ट हो जाये। अब यदि प्लेटों के बीच का स्थान परावैद्युतांक $10$ वाले परावैद्युत माध्यम से भर दिया जाये, तो प्लेटों के बीच विभवातंर .......वोल्ट होगा

एक संधारित्र को बैटरी से जुड़ा रखकर उसकी प्लेटों के बीच एक परावैद्युत पट्टिका रखी जाती है। इस प्रक्रिया में

एक समान्तर प्लेट संधारित्र को सर्वप्रथम आवेशित किया जाता है। फिर इसकी प्लेटों के बीच परावैद्युतांक की पट्टिका रखी जाती है। अपरिवर्तित रहने वाली राशि है

किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र, जिसकी पट्टिकाओं का क्षेत्रफल ' $A$ ' तथा पट्टिकाओं के बीच पथकन ' $d$ ' है में कोई परावैधुत पदार्थ भरा है। इस संधारित्र की धारिता क्या होगी जबकि परावैधुत पदार्थ की विधुतशीलता/ परावैघुतांक में विचरण नीचे दिए अनुसार हो रहा है :

$\varepsilon( x )=\varepsilon_{0}+ kx$, जबकि $\left(0< x \leq \frac{ d }{2}\right)$

$\varepsilon( x )=\varepsilon_{0}+ k ( d - x )$, जबकि $\left(\frac{ d }{2} \leq x \leq d \right)$

  • [JEE MAIN 2021]