$0.4 \mu C$ आवेश के किसी छोटे गोले पर किसी अन्य छोटे आवेशित गोले के कारण वायु में $0.2\, N$ बल लगता है। यदि दूसरे गोले पर $0.8\, \mu C$ आवेश हो तो $(a)$ दोनों गोलों के बीच कितनी दूरी है? $(b)$ दूसरे गोले पर पहले गोले के कारण कितना बल लगता है?
$(a)$ Electrostatic force on the first sphere, $F =0.2\, N$ Charge on this sphere, $q_{1}=0.4 \,\mu \,C =0.4 \times 10^{-6}\; C$
Charge on the second sphere, $q_{2}=-0.8 \,\mu \,C =-0.8 \times 10^{-6} \,C$
Electrostatic force between the spheres is given by the relation $F=\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \cdot \frac{q_{1} q_{2}}{r^{2}}$
Where, $\varepsilon_{0}=$ Permittivity of free space and $\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}}=9 \times 10^{9} \,Nm ^{2}\, C ^{-2}$
Therefore, $r^{2}=\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \cdot \frac{q_{1} q_{2}}{F}$
$=\frac{0.4 \times 10^{-6} \times 8 \times 10^{-6} \times 9 \times 10^{9}}{0.2}=144 \times 10^{-4}$
$\Rightarrow r=\sqrt{144 \times 10^{-4}}=12 \times 10^{-2}=0.12\, m$
The distance between the two spheres is $0.12 \,m$
$(b)$ Both the spheres attract each other with the same force. Therefore, the force on the second sphere due to the first is $0.2\, N$.
$ABC$ एक समकोण त्रिभुज है, जिसमें $AB = 3\,$ सेमी तथा $BC = 4$ सेमी है। बिन्दु $A$, $B$ और $C$ पर क्रमश: $ + 15,\; + 12$ और $ - 20\,$ स्थिर वैद्युत मात्रक (esu) के आवेश स्थित हैं। बिन्दु $B$ पर स्थित आवेश पर लगने वाला बल.......डायन होगा
दो स्थिर इलेक्ट्रॉनों, जिनके बीच की दूरी $'2d'$ है, के बीच इन्हें मिलाने वाली रेखा के मध्यबिन्दु पर तीसरा आवेश प्रोटॉन रखा है। इस प्रोटॉन को किसी लघु दूरी $x ( x < d )$ तक दोनों इलेक्ट्रॉनों को मिलाने वाली रेखा के लम्बवत् विस्थापित किया गया है। इसके कारण यह प्रोटॉन सरल आवर्त गति करने लगता है, जिसकी कोणीय आवत्ति होती है: $( m =$ आवेशित कण की संहति $)$
दो समान आवेश $Q$ परस्पर कुछ दूरी पर रखे हैं इनको मिलाने वाली रेखा के केन्द्र पर $q$ आवेश रखा गया है। तीनों आवेशों का निकाय सन्तुलन में होगा यदि $q$ का मान हो
$10^{-4}$ मी. $^2$ अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल वाले एक धातु के पतले तार का प्रयोग करके $30$ सेमी. त्रिज्या का एक छल्ला (रिंग) बनाया गया है। $2 \pi \mathrm{C}$ के एक धन आवेश को छल्ले पर एक समान रूप से वितरित किया गया है तथा $30 \mathrm{pC}$ का दूसरा धन आवेश छल्ले के केन्द्र पर रखा गया है। छल्ले में तनाव . . . . . . .${N}$ है जबकि छल्ले का आकार अपरिवर्तित रहता है।
(गुरूत्व का प्रभाव नगण्य मान कर)
(यदि, $\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}=9 \times 10^9 \mathrm{SI}$ मात्रक)
शुद्ध जल का परावैद्युतांक $81$ है, तो इसकी वैद्युतशीलता होगी