किसी बिन्दु $( x , y , z )$ (मीटर में) पर विधुत विभव, $V =4 x ^{2}$ वोल्ट है। बिन्दु (1,0,2) पर विधुत क्षेत्र वोल्ट प्रति मी. में होगा:
$8,$ ऋणात्मक $X-$अक्ष के अनुदिश
$8,$ धनात्मक $X-$अक्ष के अनुदिश
$16$ ऋणात्मक $X-$अक्ष के अनुदिश
$16$ धनात्मक $X-$अक्ष के अनुदिश
किसी क्षेत्र में विभव को,
$V (x, y, z)=6 x-8 x y-8 y+6 y z$
से, निरूपित किया जाता है, जहां $V$ वोल्ट में तथा $x, y,$ $z$ मी में हैं। तो बिन्दु $(1,1,1)$ पर स्थित $2$ कूलॉम आवेश द्वारा अनुभव विधुत बल होगा:-
मुक्त आकाश में एक बिन्दु पर आवेश $Q$ कूलाम्ब के कारण विभव $Q \times 10^{11}$ वोल्ट है। इस बिन्दु पर विधुतीय क्षेत्र होगा-
दो प्लेटों के बीच का अन्तर $2\,cm$ है, $10$ वोल्ट का विद्युत विभवान्तर दोनों प्लेटों के बीच लगाया गया है, तो विद्युत क्षेत्र का मान बताइये.......$N/C$
दो धातु की पट्टियाँ जिनके बीच विभवान्तर $800\,$वोल्ट है, क्षैतिज अवस्था में एक-दूसरे से $0.02\,$ मीटर की दूरी पर है। एक $1.96 \times {10^{ - 15}}$ किग्रा संहति का कण इनके बीच सन्तुलन में लटका है। यदि $e$ मूल आवेश हो, तो कण पर आवेश होगा
यदि किसी क्षेत्र में विभव (वोल्ट में) $V ( x , y , z )=6 xy -y +2 yz ,$ से निर्दिप्ट किया जाये तो बिन्दु $(1,1,0)$ पर विधुत क्षेत्र $(N/C$ में$)$ है :