एकसमान आवेशित गोलाकार कोश के भीतर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता होती है
शून्य
शून्य से कम परन्तु नियत
केन्द्र से दूरी के समानुपाती
उपरोक्त में से कोई नहीं
एक इलेक्ट्रॉन जिसका द्रव्यमान ${m_e}$ है प्रारम्भ में विराम अवस्था में है। ${t_1}$ समय में इलेक्ट्रॉन किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में निश्चित दूरी से चलता है। एक प्रोटॉन जिसका द्रव्यमान ${m_p}$ है, वह भी विराम अवस्था में है। प्रोटॉन भी इसी विद्युत क्षेत्र में उतनी ही दूरी चलने में ${t_2}$ समय लेता है। यदि गुरुत्वीय प्रभाव नगण्य माना जाये तो ${t_2}/{t_1}$ का लगभग मान होगा
चित्र में दर्शाये अनुसार, दो आवेशित समान्तर पट्टियों के बीच $10 \mathrm{~N} / \mathrm{C}$ का कोई एक समान विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है। पट्टियों के बीच के क्षेत्र में, एक इलेक्ट्रॉन $0.5\ \mathrm{eV}$ गतिज ऊर्जा के साथ प्रवेश करता है। प्रत्येक पट्टी की लम्बाई $10 \mathrm{~cm}$ है। इलेक्ट्रॉन जैसे ही क्षेत्र के बाहर आता है, तो इसके पथ में हुआ विचलन कोण $(\theta) . . .. { }^{\circ}$ (डिग्री) है।
क्षैतिज से $30^{\circ}$ के कोण बनाने वाले किसी आनत तल को $200\, \frac{ N }{ C }$ के एकसमान क्षैतिज विधुत क्षेत्र में रखा गया है। आरेख में दर्शाए अनुसार, $1\, kg$ द्रव्यमान के किसी पिण्ड को, जिस पर $5\, mC$ आवेश है, विराम की र्थिति से $1\, m$ ऊँचाई से इस तल पर सरकाया गया है यदि घर्षण गुणांक $0.2$ हैं तो इस पिण्ड को तली तक पहुँचने में लगने वाला समय $.......$ सेकण्ड होगा। $[ g =$ $9.8 \,m / s ^{2}, \sin 30^{\circ}=\frac{1}{2} ; \cos 30^{\circ}=\frac{\sqrt{3}}{2}$ ]
कागज के तल में उत्तर से दक्षिण की ओर अनुदिश विद्युत क्षेत्र में, कैथोड किरणें पूर्व से पश्चिम दिशा में प्रवेश करती हैं। कैथोड किरणें विक्षेपित होंगी
किसी निश्चित वेग से $x$-अक्ष के अनुदिश गतिमान धनावेश, धनात्मक $y$-अक्ष की ओर दिष्ट समरूप विद्युत क्षेत्र में प्रवेश करता है। तो इसका