किसी धातु का ऊष्मा चालकता गुणांक निर्भर होता है
दोनों पाश्र्वों के तापान्तर पर
पट्टिका के क्षेत्रफल पर
धातु पट्टिका की मोटाई पर
धातु के पदार्थ पर
परिवर्ती अवस्था में छड़ से प्रवाहित ऊष्मा की दर नियंत्रित होती है
समान लम्बाई तथा समान अनुप्रस्थ काट की दो छड़ें लम्बाई के अनुदिश जुड़ी हैं। प्रथम तथा द्वितीय छड़ों की ऊष्मीय चालकताऐं ${K_1}$ तथा ${K_2}$ हैं तथा प्रथम तथा द्वितीय छड़ों के मुक्त सिरों के ताप क्रमश: ${\theta _1}$ व ${\theta _2}$ हैं, तो उभयनिष्ठ सन्धि का ताप होगा
एक पतले कागज का प्याला जो कि पानी से भरा है, ज्वाला के ऊपर रखने पर जलता नहीं है, क्योंकि
पत्थर की एक स्लैब (पट्टिका) का क्षेत्रफल $0.36$ मी$^2$ है और उसकी मोटाई $0.1$ मी है। इसकी निचली सतह (पृष्ठ) $100^{\circ} C$ की भाप के सम्पर्क में है और इसकी ऊपरी सतह पर $0^{\circ} C$ की बर्फ की एक स्लैब रखी है। जिससे एक घण्टे में $4.8$ किग्रा बर्फ पिघल जाती है। यदि बर्फ के संगलन की गुप्त ऊष्मा$=3.36 \times 10^5\; J kg ^{-1}$ हो तो, पत्थर के स्लैब की ऊष्मा चालकता .......... $J / m / s /{ }^{\circ} C$ होगी।
मिट्टी के घर गर्मियों में ठण्डे तथा सर्दियों में गरम होते हैं, क्योंकि