किसी समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य वायु भरी है एवं धारिता $10\,p F$ है। प्लेटों के बीच की दूरी दुगुनी कर दी जाये एवं प्लेटों के मध्य मोम भर दी जाये तो संधारित्र की धारिता $40 \times {10^{ - 12}}$ फैरड हो जाती है। मोम का परावैद्युतांक होगा
$12$
$10$
$8$
$4.2$
एक समान्तर प्लेट संधारित्र को किसी तेल में डुबाया गया है। इस तेल का परावैद्युतांक $2$ है, तो प्लेटों के मध्य क्षेत्र का मान में परिवर्तन है
दो परावैद्युत पट्टिकाओं का परावैद्युतांक क्रमश: ${K_1}$ और ${K_2}$ है। इन्हें संधारित्र की दो प्लेटों के मध्य रखा गया है, तो संधारित्र की धारिता होगी
किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र व्यवस्था में संधारित्र की पट्टिका का क्षेत्रफल $2 \,m ^{2}$ तथा दो पट्टिकाओं के बीच पथकन् $1 \,m$ है। यदि पट्टिकाओं के बीच के रिक्त स्थान में $0.5\, m$ मोटाई तथा क्षेत्रफल $2 \,m ^{2}$ (आरेख देखिए) का कोई परावैधुत पदार्थ भर दें, तो इस व्यवस्था की धारिता $.....\,\varepsilon_{0}$ होगी। (पदार्थ का परावैधुतांक $=3.2$ ) (निकटतम पूर्णांक तक पूर्णांकित)
एक संयुक्त समानान्तर पट्टिका संधारित्र, दो अलग-अलग परावैद्युत पदार्थो से बना है, जिनकी मोटाई $t_1$ एवं $t_2$ है, जैसाकि चित्र में दर्शाया गया है। दोनों परावैद्युत पदार्थो को एक पतली सुचालक पन्नी $F$ से अलग किया गया है। सुचालक पन्नी पर विभव $..........V$ होगा।
एक समांतर प्लेट संधारित्र में, प्लेट का क्षेत्रफल $100 \,m ^{2}$ और प्लेटों का पथकन $10 \,m$ है। प्लेटों के बीच के स्थान को परावैधुतांक $10$ के पदार्थ से $5 \,m$ मोटाई तक भर दिया गया है। इस निकाय की परिणामी धारिता का मान ' $x$ ' $pF$ है।
$\varepsilon_{0}$ का मान $=8.85 \times 10^{-12} F \,m^{-1}$.
यहाँ ' $x$ ' का मान निकटतम पूर्णांक में $.......$ होगा।