पृथ्वी के किसी स्थान पर नतिकोण प्रदान करता है
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक
भौगोलिक याम्योत्तर की स्थिति
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊध्र्वाधर घटक
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा
एक नतिमापी को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है कि इसकी सुई चुम्बकीय याम्योत्तर में स्वतंत्रतापूर्वक घूम सकती है, इस स्थिति में नति कोण $40°$ प्राप्त होता है। अब यदि नतिमापी को चुम्बकीय याम्योत्तर से $30°$ कोण पर स्थित तल में घुमा दिया जाये तो इस तल में सुई का नमन कोण होगा
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण एक छड़ चुम्बक पर कार्यरत बल आघूर्ण अधिकतम होगा। यदि चुम्बक की अक्ष
एक छड़ चुम्बक, पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में किसी टेबल पर पूर्व-पश्चिम दिशा में रखी है। उदासीन बिन्दुओं की संख्या होगी
किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक ${B_0}$ और ऊध्र्वाधर घटक ${V_0}$ परिमाण में बराबर हैं। उस स्थान पर संपूर्ण तीव्रता का मान होगा
भू-चुम्बकीय एवं भू-भौगोलिक अक्ष के मध्य कोण.....$^o$ है