रदरफोर्ड का $\alpha$-प्रकीर्णन प्रयोग दर्शाता है कि परमाणु में होता है
प्रोटॉन
नाभिक
न्यूट्रॉन
इलेक्ट्रॉन
एक दृष्टिकोण के अनुसार पदार्थ केवल पाँच तत्वों से निर्मित है |इस दृष्टिकोण को समायोजित (समंजित) करने के लिए एक वैज्ञानिक निम्नलिखित परिकल्यना प्रस्तुत करती है : परमाणुओं की अधिक्तम क्वांटम संख्या $n _{\max }$ से ज्यादा नहीं हो सकती है। तब निम्न में से कौन सा कथन सही है ?
हाइड्रोजन परमाणु के प्रथम तथा चतुर्थ ऊर्जा स्तरों के बीच अवशोषण संक्रमणों की संख्या $3$ है। इनके बीच उत्सर्जन संक्रमणों की संख्या होगी
नीचे दो कथन दिए गए है :
कथन-$I$ : परमाणु का अधिकतम द्रव्यमान तथा इसका समस्त धनावेश एक छोटे से भाग नाभिक में पाया जाता है तथा इलेक्ट्रॉन इसके चारों और परिक्रमा करते है, यह रदरफोर्ड मॉडल है।
कथन-$II$ : परमाणु धनावेश का एक गोलीय बादल है जिसमें इलेक्ट्रॉन धंसे रहते है, यह रदरफोर्ड मॉडल का एक विशिष्ट रूप है।
उपरोक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर चुनिए।
$1911$ में भौतिक वैज्ञानिक अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने धनात्मक आवेश वाले कणों को सोने की पतली पन्नी पर बौछार कर के यह खोजा कि परमाणु में एक सूक्ष्म, सघन नाभिक होता है। सोने का वह गुण, जिसने रदरफोर्ड को इस प्रयोग में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया, है
जब इलेक्ट्रॉनों को त्वरित करने वाले विभवान्तर को एक क्रांतिक मान से अधिक मान तक बढ़ाया जाता है, तो