एक धातु के तार के एक सिरे को छत से बाँधा गया है तथा असके दूसरे सिरे पर $2$ किग्रा. का एक भार लटका है। समान प्रकार के एक तार को भार की तली से बाँधा गया है तथा इसके नीचे $1$ किग्रा. का भार बाँधा है। ऊपरी तथा निचले तार की अनुदैर्ध्य विकृतियों का अनुपात होगा।
[तार का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल $=0.005$ सेमी. $^2$, $\mathrm{Y}=2 \times 10^{11} \mathrm{Nm}^{-2}$ तथा $\mathrm{g}=10 \mathrm{~ms}^{-2}$ ]
$5$
$10$
$8$
$3$
$L$ लम्बाई तथा $r$ त्रिज्या का एक तार एक सिरे पर बँधा है। यदि इसका दूसरा सिरा $\mathrm{F}$ बल द्वारा खींचा जाता है तो इसकी लंबाई में $l$ वृद्धि होती है। प्रारम्भिक लम्बाई समान रखकर यदि तार की त्रिज्या तथा आरोपित बल दोनों घटाकर उनके मूल मानों से आधे करने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी :
किसी पदार्थ के घनत्व में वृद्धि होने पर यंग मापांक का मान
किसी तार का बल नियतांक निर्भर नहीं करता है
जब एक प्रत्यास्थ पदार्थ, जिसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y$ है, को प्रतिबल $S$ से ताना जाता है, तो उसके प्रति एकांक आयतन में प्रत्यास्थ ऊर्जा होगी
यंग गुणांक ज्ञात करने के एक प्रयोग में, पाँच अलग-अलग लम्बाइयों $(1,2,3,4$ एवं $5\,m )$ किन्तु समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल $\left(2\,mm ^2\right)$ वाले स्टील के तार लिए गए हैं, एवं प्रसार-लोड (भार) वक्र प्राप्त किए गए हैं। तारों की लम्बाई के साथ, वक्रों के ढाल (प्रसार/लोड) को आरेखित किया गया है, एवं निम्न ग्राफ प्राप्त किया गया है। दिये गये स्टील के तारों का यंग गुणांक $x \times 10^{11} Nm ^{-2}$ है। $x$ का मान $.............$ है।