दो कुण्डली के अन्योन्य प्रेरकत्व का मान बढ़ाया जा सकता है

  • A

    कुण्डली में फेरें कम करके

  • B

    कुण्डली में फेरें अधिक करके

  • C

    कुण्डली को लकड़ी के कोर पर लपेट कर

  • D

    उपरोक्त में से कोई नहीं

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$\mathrm{R}_{1}$ तथा $\mathrm{R}_{2}$ त्रिज्याओं की दो चालकीय वृत्तीय लूप एक तल में समकेन्द्रित रखी है। यदि $\mathrm{R}_{1}\,>\,>\,\mathrm{R}_{2}$ तो उनके मध्य पारस्परिक प्रेरकत्व $'\mathrm{M}'$ समानुपाती होता है :

  • [NEET 2021]

$0.30$ मीटर लम्बी एक परिनालिका में फेरों की संख्या $2000$ है। इसके अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $1.2 \times {10^{ - 3}}{m^2}$ है। इसके केन्द्रीय भाग पर एक कुण्डली के $300$ फेरे लगाये गये हैं। यदि $2A$ की प्रारम्भिक धारा को $0.25$ सैकण्ड में विपरीत कर दिया जाता है, तो कुण्डली में प्रेरित वि. वा. बल होगा

अन्योन्य प्रेरण गुणांक का मान क्या होगा यदि चुम्बकीय फ्लक्स $2 \times {10^{ - 2}}\,Wb$ से परिवर्तित हो जाये एवं धारा में परिवर्तन $0.01\,A$  .....हेनरी हो

  • [AIIMS 2002]

यदि प्राथमिक कुण्डली में प्रवाहित $30 \,A$ की धारा $0.1$ सैकण्ड में शून्य कर दी जाती है तब द्वितीयक कुण्डली में प्रेरित वि. वा. बल $1.5$ वोल्ट है। कुण्डलियों के बीच अन्योन्य प्रेरण गुणांक का मान.......$H$ है

$L$ लम्बाई की भुजा वाले एक वर्गाकार लूप के अन्दर l लम्बाई की भुजा वाला एक छोटा वर्गाकार लूप रखा जाता है $(L > l)$ दोनों लूप समतलीय है एवं इनके केन्द्र संपाती है। इस निकाय का अन्योन्य प्रेरण समानुपाती है

  • [IIT 1998]