इलेक्ट्रॉन का $e/m$ ज्ञात करने की थॉमसन विधि में
विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र इलेक्ट्रॉन पुँज की दिशा के समान्तर होते हैं
विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र इलेक्ट्रॉन पुँज की दिशा से व आपस में लम्बवत् होते हैं
चुम्बकीय क्षेत्र इलेक्ट्रॉन पुँज की दिशा के समान्तर होता है
विद्युत क्षेत्र इलेक्ट्रॉन पुँज की दिशा के समान्तर होता है
निर्वात नलिकाओं में ऑक्साइड लेपित तन्तु का उपयोग किया जाता है क्योंकि आवश्यक रूप से
एक इलेक्ट्रॉन प्रारम्भ में विरामावस्था में है, इसे $ 200 V$ के विभवान्तर से त्वरित करने पर इसके द्वारा प्राप्त वेग $8.4 \times {10^6}m/s$ है। इलेक्ट्रॉन का $ e/m$ होगा
विसर्जन नलिका में विद्युत धारा का चालन किस कारण से होता है
एक संकीर्ण इलेक्ट्रॉन पुँज वैद्युत क्षेत्र $E = 3 \times {10^4}volt/m$ और उसी स्थान पर आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र $B = 2 \times {10^{ - 3}}Weber/{m^2}$ से अविचलित गुजर जाता है। इलेक्ट्रॉन गति, वैद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र तीनों परस्पर लम्बवत् हैं। इलेक्ट्रॉनों की चाल का मान है
$‘e’$ कूलॉम आवेश का एक इलेक्ट्रॉन $V$ वोल्ट विभवान्तर से त्वरित होता है तो इसकी ऊर्जा जूल में होगी