निचे दिए गए चित्र में, $\mathrm{M}=490 \mathrm{~g}$ द्रव्यमान का एक गुटका एक घर्षणरहित मेज पर रखा है, एवं समान स्प्रिंग नियतांक $\left(\mathrm{K}=2 \mathrm{~N} \mathrm{~m}^{-1}\right)$ वाली दो स्प्रिंगों से जुडा है। यदि गुटके को ' $\mathrm{X}$ ' $\mathrm{m}$ की क्षैतिज दूरी से विस्थापित किया जाता है, तो $14 \pi$ सेकन्ड में इसके द्वारा पूर्ण किए गए दोलनों की संख्या होगी।
$20$
$21$
$19$
$26$
एक हल्की, उध्र्वाधर लटकी स्प्रिंग के निचले सिरे से जुड़ा हुआ कण कम्पन कर रहा है। कण का अधिकतम वेग $15$ मी/सै है तथा दोलनकाल $628$ मिली सैकण्ड है। गति का आयाम (सेमी में)
$700g, 500g,$ एवं $400g$ के तीन द्रव्यमान चित्र में दिखाये अनुसार एक स्प्रिंग से संतुलन में लटके हैं यदि $700\,gm$ द्रव्यमान हटा लिया जाये तो यह निकाय $3$ सैकण्ड के दोलनकाल से दोलन करता है $500\, gm$ द्रव्यमान और हटाये जाने पर इसका दोलनकाल ..... $s$ हो जायेगा
दर्शाए गए आरेख में $200\; g$ और $800\; g$ द्रव्यमानों के दो पिण्ड $A$ और $B$ कमानियों के निकाय से जुड़े है। निकाय को मुक्त करते समय कमानियाँ तानित स्थिति में हैं और उनमें कुछ विस्तार है। क्षैतिज पष्ट को घर्षणहीन माना गया है। जब $k =20 \;N / m$ है तो कोणीय आवत्ति $\dots\;rad / s$ होगी।
बराबर द्रव्यमान के दो पिण्ड $M$ तथा $N$ दो द्रव्यमानहीन स्प्रिंगों से अलग-अलग लटके हैं। स्प्रिंग के बल नियतांक क्रमश: ${k_1}$ तथा ${k_2}$ है। यदि दोनों पिण्ड ऊध्र्वाधर तल में इस प्रकार कम्पन करते हैं कि इनके अधिकतम वेग बराबर हैं, तब $M$ के कम्पन के आयाम का $N$ के साथ अनुपात है
चित्रानुसार एक द्रव्यमान $M$ दो स्प्रिंगों $A$ तथा $B$ से चित्रानुसार लटकाया गया है। स्प्रिंगों के बल नियतांक क्रमषः $K_1$ तथा $K_2$ हैं। दोनों स्प्रिंगों की लम्बाई में कुल वृद्धि है