किसी इलेक्ट्रॉन गन में, इलेक्ट्रॉन $ V$ विभव से त्वरित किये जाते हैं। यदि इलेक्ट्रॉन का आवेश $ e$ एवं द्रव्यमान $ m $ है तो इन इलेक्ट्रॉनों का अधिकतम वेग होगा
$\frac{{2eV}}{m}$
$\sqrt {\frac{{2eV}}{m}} $
$\sqrt {\frac{{2m}}{{eV}}} $
$\frac{{{V^2}}}{{2em}}$
इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा बढ़ाई जा सकती है यदि
प्रयोग करते हुए एक दिन मिलीकन ने एक बूँद पर निम्नलिखित आवेश प्रेरित किये
$(i)$ $6.563 \times {10^{ - 19}}C$ $(ii)$ $8.204 \times {10^{ - 19}}C$
$(iii)$ $11.50 \times {10^{ - 19}}C$ $(iv)$ $13.13 \times {10^{ - 19}}C$
$(v)$ $16.48 \times {10^{ - 19}}C$ $(vi)$ $18.09 \times {10^{ - 19}}C$
इन आँकड़ों से मूल आवेश $(e)$ का मान आया
प्रोटॉन, $\alpha $-कण तथा इलेक्ट्रॉन के लिए $ e/m$ के अनुपात का क्रम है
कैथोड किरण की कण प्रकृति सिद्ध होने का कारण है
विद्युत आवेश मूल इलेक्ट्रॉनिक आवेश के पूर्णांक गुणक होते हैं, इस तथ्य को प्रायोगिक रूप से सिद्ध किया था