यदि एक अभिक्रिया के लिये अर्द्ध-आयुकाल प्रारम्भिक सान्द्रण के व्युत्क्रमानुपाती है तो अभिक्रिया की कोटि है
$0$
$1$
$2$
$3$
अभिक्रिया योजना $A \stackrel{ k _{1}}{\longrightarrow} B \stackrel{ k _{2}}{\longrightarrow} C$ के लिए, यदि $B$ के बनने की दर शून्य कर दी जाय तो $B$ की सान्द्रता निम्न के द्वारा दी जायेगी
$2A$ $ \rightleftharpoons $ $4B + C$ एक गैसीय रासायनिक समीकरण एक बंद पात्र में कराइ जाति है तो $B$ के सान्दण मेे $10$ सेकंड मे $5 \times {10^{ - 3}}\,mol\,\,{l^{ - 1}}$ की वृधी होति हे तो उपस्थित $B$ के दिख्नने कि दर होगि
नीचे दी गई अभिक्रिया के लिए दर नियम $k\;[A]\;[B]$ व्यंजक से व्यक्त किया जाता है
$A + B \rightarrow$ उत्पाद
$A$ की सान्द्रता का मान $0.1$ मोल पर रखते हुए यदि $B$ की सान्द्रता $0.1$ से बढ़ाकर $0.3$ मोल कर दी जाती है तो दर स्थिरांक होगा।
अभिक्रिया $A + B$ $\rightleftharpoons$ $AB$ में जब $A$ का सान्द्रण दुगना करते हैं, तो अभिक्रिया वेग कितना हो जायेगा
गन्ने की शक्कर का प्रतिलोमन निरुपित करते हैं
${C_{12}}{H_{22}}{O_{11}} + {H_2}O \to {C_6}{H_{12}}{O_6} + {C_6}{H_{12}}{O_6}$
यह अभिक्रिया है