यदि पृथ्वी अपनी वर्तमान गति के अधिक मान से गति करने लगे, तो किसी वस्तु का द्रव्यमान
विषुवत् रेखा पर बढ़ जायेगा जबकि ध्रुवों पर अपरिवर्तित रहेगा
विषुवत् रेखा पर कम हो जायेगा जबकि ध्रुवों पर अपरिवर्तित रहेगा
विषुवत् रेखा पर अपरिवर्तित रहेगा जबकि धु्रवों पर घट जायेगा
विषुवत् रेखा पर अपरिवर्तित रहेगा जबकि ध्रुवों पर बढ़ जायेगा
यदि पथ्वी के चक्रण के कोणीय वेग को इस प्रकार बढ़ाया जाए कि विषुवत वत्त पर रखी वस्तुएँ तैरना प्रारम्भ कर दें, तो दिन का अंतराल लगभग हो जायेगा। (मिनिट में) ( $g =10 \,ms ^{-2}$, पथ्वी की त्रिज्या, $R =6400$ $\times 10^{3}\, m , \pi=3.14$ लीजिए)
यदि पृथ्वी घूर्णन करना बन्द कर दें तो $‘g’$ का मान भूमध्य रेखा पर
नीचे दो कथन दिए गए है।
कथन$-I:$ पृथ्वी तल पर विभिन्न स्थानों पर गुरुत्वीय त्वरण भिन्न-भिन्न होता है।
कथन$-II:$ जैसे हम पृथ्वी तल के नीचे जाते है गुरुत्वीय त्वरण बढ़ता है।
उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनिएँ:
कमानीतार तुला से मापने पर किसी पिण्ड का उत्तरी ध्रुव पर भार $49 \,N$ है। यदि इस पिण्ड को विषुवत् वत्त पर ले जाकर इसकी तुला से तोलें, तो इसका मापित भार क्या होगा ? ($N$ में)
$\left( g =\frac{ GM }{ R ^{2}}=9.8\, ms ^{-2}\right.$ तथा पथ्वी की त्रिज्या $R =6400 \,km$ लीजिए]
किसी ग्रह $ A$ पर गुरुत्वीय त्वरण का मान एक अन्य ग्रह $B$ की तुलना में $9$ गुना है। यदि कोई व्यक्ति ग्रह $A$ की सतह पर $2 $ मीटर तक उछलता है तो ग्रह $B$ पर वह कितना........$m$ ऊँचा उछल सकता है