यदि पथ्वी के चक्रण के कोणीय वेग को इस प्रकार बढ़ाया जाए कि विषुवत वत्त पर रखी वस्तुएँ तैरना प्रारम्भ कर दें, तो दिन का अंतराल लगभग हो जायेगा। (मिनिट में) ( $g =10 \,ms ^{-2}$, पथ्वी की त्रिज्या, $R =6400$ $\times 10^{3}\, m , \pi=3.14$ लीजिए)
$60$
$480$
$1200$
$84$
पृथ्वी की सतह पर किसी वस्तु का भार $W$ न्यूटन है। सतह से पृथ्वी की त्रिज्या की आधी ऊँचाई पर इसका भार होगा
कमानीतार तुला से मापने पर किसी पिण्ड का उत्तरी ध्रुव पर भार $49 \,N$ है। यदि इस पिण्ड को विषुवत् वत्त पर ले जाकर इसकी तुला से तोलें, तो इसका मापित भार क्या होगा ? ($N$ में)
$\left( g =\frac{ GM }{ R ^{2}}=9.8\, ms ^{-2}\right.$ तथा पथ्वी की त्रिज्या $R =6400 \,km$ लीजिए]
जब किसी पिण्ड को भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर ले जाया जाता है तो इसका भार
गुरुत्वीय बल न्यूनतम होता है
$1$ किग्रा द्रव्यमान का भार चन्द्रमा पर $1/6$ रह जाता है। यदि चन्द्रमा की त्रिज्या $1.768 \times {10^6}$मीटर हो तो चन्द्रमा का द्रव्यमान होगा