अम्ल का जलीय विलयन क्यों विध्युत का चालन करता है?
$HCl , HNO _{3}$ आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द-समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए:
$(c)$ तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
$(d)$ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
परखनली $'A'$ एवं $'B'$ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली $'A'$ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल $( HCl )$ तथा परखनली $'B'$ में ऐसिटिक अम्ल $\left( CH _{3} COOH \right)$ डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सांद्रता समान हैं। किस परखनली में अधिक तेज़ी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?