विभिन्न परमाणुक कणों का मान
$m _{ p }=1.0072\, u , m _{ n }=1.0087 \,u$ $m _{ e }=0.000548 \,u , m _{ v }=0, m _{ d }=2.0141\, u$ है
जहां $p \equiv$ प्रोटॉन, $n \equiv$ न्यूट्रॉन, $e \equiv$ इलेक्ट्रॉन, $\overline{ v } \equiv$ एण्टी (प्रति) न्यूट्रिनों तथा $d \equiv$ ड्यूटिरॉन है। संवेग तथा ऊर्जा संरक्षण के अनुसार निम्न में से कौनसा प्रक्रम अनुमत है ?
$n+p \rightarrow d+\gamma$
$e ^{+}+ e ^{-} \rightarrow \gamma$
$n + n \rightarrow$ ड्यूटिरियम परमाणु
(नाभिक से बद्ध इलेक्ट्रॉन
$p \rightarrow n+e^{+}+\bar{v}$
नाभिकीय क्षरण (nuclear decay) तभी संभव है जब प्रारम्भिक नाभिक का द्रव्यमान क्षयित कण के कुल द्रव्यमान से ज्यादा है । यदि एक उदासीन परमाणु (neutral atom) $M(A, Z)$ जिसकी द्रव्यमान संख्या $A$ हैं और परमाणु भार $Z$ है तब निम्नलिखित $\beta$ क्षरण $X_Z^A \rightarrow Y_{Z+1}^A+\beta^{-}+\bar{v}_e$ होने के लिय न्यूनतम शर्त होगी $(\beta$ कण का द्रव्यमान $m_e$ और न्यूट्रीनो का द्रव्यमान $m_v$ को नगण्य मानिए) :
एक परमाणु का परमाणु भार $A$ तथा परमाणु संख्या $Z$ है, यह ${M_1}$ कण उत्सर्जित करता है, तो परिणामी नाभिक का परमाणु भार एवं परमाणु संख्या होगी
$\beta - $विकिरण में उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन कहाँ से आता है
$1\alpha $ तथा $2\beta $ के उत्सर्जन के पश्चात्
निम्न विखण्डन श्रेणी में
$_{92}^{238}U\xrightarrow{\alpha }x\xrightarrow{\beta }_Z^AY$
क्रमश: $Z$ तथा $A$ के मान होंगे