नाभिकीय क्षरण (nuclear decay) तभी संभव है जब प्रारम्भिक नाभिक का द्रव्यमान क्षयित कण के कुल द्रव्यमान से ज्यादा है । यदि एक उदासीन परमाणु (neutral atom) $M(A, Z)$ जिसकी द्रव्यमान संख्या $A$ हैं और परमाणु भार $Z$ है तब निम्नलिखित $\beta$ क्षरण $X_Z^A \rightarrow Y_{Z+1}^A+\beta^{-}+\bar{v}_e$ होने के लिय न्यूनतम शर्त होगी $(\beta$ कण का द्रव्यमान $m_e$ और न्यूट्रीनो का द्रव्यमान $m_v$ को नगण्य मानिए) :
$M(A, Z) > M(A, Z+1)+m_e$
$M(A, Z) > M(A, Z+1)$
$M(A, Z) > M(A, Z+1)+Z m_e$
$M(A, Z) > M(A, Z+1)-m_e$
$\alpha ,\;\beta $ और $\gamma - $ किरणों की क्रमबद्ध आयनीकरण क्षमता है
रेडियोधर्मी क्षय $_{90}{X^{200}}{ \to _{80}}{Y^{168}}$ में उत्सर्जित $\alpha $ और $\beta $ कणों की क्रमानुसार संख्यायें होंगी
$_{90}{X^{200}}{ \to _{80}}{Y^{168}}$
किसी रेडियोएक्टिव क्षय में, न तो परमाणु क्रमांक बदलता है और न ही द्रव्यमान संख्या। क्षय प्रक्रिया में, निम्न में से क्या उत्सर्जित होगा
किसी तत्व की परमाणु द्रव्यमान संख्या $232$ है तथा उसकी परमाणु संख्या $90$ है। रेडियोएक्टिव क्षय से स्थायी अन्तिम लैड आइसोटोप जिसकी परमाणु संख्या $82$ एवं द्रव्यमान संख्या $208$ है। इससे उत्सर्जित $\alpha$ एवं $\beta$ कणों की क्रमश: संख्याएँ हैं
एक नाभिक $_Z{X^A}$, $9 \alpha$,- कण एवं $5 \beta$ - कण उत्सर्जित करता है। अन्तिम नाभिक में कुल प्रोटॉनों एवं न्यूट्रॉनों का अनुपात हैं