निम्न दो कथन दिए गए है-
कथन $I:$ विद्युत बल आवेशित कण की चाल बदलता है इसलिए इसकी गतिज ऊर्जा भी बदलती है जबकि चुम्बकीय बल आवेशित कण की गतिज ऊर्जा नहीं बदलता है।
कथन $II:$ विद्युत बल धनावेशित कण को विद्युत क्षेत्र की लम्बवत दिशा में त्वरित करता है। चुम्बकीय बल गतिमान धनावेशित कण को चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में त्वरित करता है।
उपरोक्त कथनो के अनुसार सही विकल्प चुने:
कथन$-I$ एवं कथन$-II$, दोनो सही है।
कथन$-I$ कथन$-II$, दोनो गलत है।
कथन$-I$ सही है लेकिन कथन$-II$ गलत है।
कथन$-I$ गलत है लेकिन कथन$-II$ सही है।
वर्णित हेल्महोल्टज कुंडलियों का उपयोग करके किसी लघुक्षेत्र में $0.75\, T$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र स्थापित किया है। इसी क्षेत्र में कोई एकसमान स्थिरवैध्यूत क्षेत्र कुंडलियों के उभयनिष्ठ अक्ष के लंबवत लगाया जाता है। (एक ही प्रकार के ) आवेशित कणों का $15 \,kV$ विभवांतर पर त्वरित एक संकीर्ण किरण पुंज इस क्षेत्र में दोनों कुंडलियों के अक्ष तथा स्थिरवैध्यूत क्षेत्र की लंबवत दिशा के अनुदिश प्रवेश करता है। यदि यह किरण पुंज $9.0 \times 10^{-5}\, V m ^{-1}$, स्थिरवैध्यूत क्षेत्र में अविक्षपित रहता है तो यह अनुमान लगाइए कि किरण पुंज में कौन से कण हैं। यह स्पष्ट कीजिए कि यह उत्तर एकमात्र उत्तर क्यों नहीं है।
पूर्व की ओर गति करता हुआ एक आवेशित कण ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर कार्यरत किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है तो
यदि कैथोड किरणों को किसी चुम्बकीय क्षेत्र की लम्बवत् दिशा में प्रक्षेपित किया जाये तब उनका प्रक्षेप्य पथ है
एक अत्यधिक लम्बे सीधे तार में धारा $I$ प्रवाहित हो रही है किसी क्षण जब बिन्दु $P$ पर एक $ + Q$ आवेश का वेग $\overrightarrow V $ चित्रानुसार है तो आवेश पर आरोपित बल है
एकल आयनित मैग्नेशियम परमाणु $(A24)$ को $5\,keV$ गतिज ऊर्जा तक त्वारित किया जाता है तथा इसको $0.5\,T$ परिमाण वाले चुम्बकीय क्षेत्र में लम्बवत् रूप से प्रक्षेपित किया जाता है। निर्मित पथ की त्रिज्या $cm$ में ज्ञात कीजिये।