प्रत्येक $100\; W$ के चार बल्ब $B _{1}, B _{2}, B _{3}$ एवं $B _{4}$ $220\; V$ मेन्स से जोड़े गये है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया हैं। एक आदर्श धारामापी में मापन होगा :
$0.45$
$0.90$
$1.35$
$1.80$
विधुत केतली का हीटर $L$ लम्बाई तथा $d$ व्यास वाले एक तार से बना है। इससे $0.5 \ kg$ जल के तापमान में $40 \ K$ की वृद्धि करने के लिए $4$ मिनट का समय लगता है। इस हीटर के स्थान पर एक नया हीटर उपयोग में लाया जाता है जिसमें $L$ लम्बाई तथा $2 d$ व्यास वाले उसी पदार्थ के दो तार लगे है। इसी समान मात्रा के जल के तापमान में $40 \ K$ की वृद्धि करने में कितने मिनट लगेंगे। तारों के संयोजन की विधि विकल्पों में दी गई है।
$(A)$ $4$ यदि दोनों तार समान्तर में है।
$(B)$ $2$ यदि दोनों तार श्रेणी (series) में हैं।
$(C)$ $1$ यदि दोनों तार श्रेणी में है।
$(D)$ $0.5$ यदि दोनों तार समान्तर में है।
एक $500\, W$ की तापीय इकाई $115\, V$ पर कार्य करती है। यदि लाइन वोल्टेज $110\, V$ तक कम हो जाये तो निर्गत ऊष्मा में प्रतिशत गिरावट ............... $\%$ होगी
यदि $200\, V$ के विभवान्तर पर शक्ति $100\, W$ है तो प्रवाहित धारा ............ $A$ होगी
एक सेल से ली गई अधिकतम शक्ति है (यहाँ $r$ आंतरिक प्रतिरोध एवं $E$ वि. वा. बल है)
दिये हुए परिपथ में $r$ एक चर-प्रतिरोध है। यदि $r=f R$, तब $r$ में ऊष्मा उत्पादन अधिकतम होने के लिये $f$ का मान होगा :