समान ताप पर तीन चरणों में होने वाली अभिक्रिया के लिए समग्र वेग नियतांक, $\mathrm{K}=\frac{\mathrm{K}_1 \mathrm{~K}_2}{\mathrm{~K}_3}$ है। यदि $\mathrm{Ea}_1, \mathrm{Ea}_2$ और $\mathrm{Ea}_3$ क्रमशः $40,50$ और $60 \mathrm{~kJ} / \mathrm{mol}$ हो, तो समग्र $\mathrm{Ea}$. . . . . . . $\mathrm{kJ} / \mathrm{mol}$ है।
दी गई रासायनिक अभिक्रिया $\mathrm{A}+\mathrm{B} \rightarrow$ उत्पाद, के लिए अभिक्रिया की कोटि $\mathrm{A}$ और $\mathrm{B}$ की तुलना में $1$ है।
वेग $mol\,L^{-1}\,s^{-1}$ | $[A]$ $mol\,L^{-1}$ | $[B]$ $mol\,L^{-1}$ |
$0.10$ | $20$ | $0.5$ |
$0.40$ | $x$ | $0.5$ |
$0.80$ | $40$ | $y$ |
$x$ और $y$ का मान क्या है?
अणु $X$ का $Y$ में रूपांतरण द्वितीय कोटि की बलगतिकी के अनुरूप होता है। यदि $X$ की सांद्रता तीन गुनी कर दी जाए तो $Y$ के निर्माण होने के वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
सरल अभिक्रिया $M \rightarrow N$ के लिए, $M$ की सान्द्रता दो गुनी करने पर $M$ की विलोपन दर (rate of disappearance) $8$ गुना बढ़ जाती है। $M$ के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि (order of the reaction) है।
अभिक्रिया $2HI$ $\rightleftharpoons$ ${H_2} + {I_2}$ में अभिक्रिया की दर ${[HI]^2}$ के समानुपाती है। इसका अर्थ है कि अभिक्रिया है