चित्र में दिए गए विध्युत परिपथ में निम्नलिखित के मान ज्ञात कीजिए:
$(a)$ संयोजन में $8\, \Omega$ के दो प्रतिरोधकों का प्रभावी प्रतिरोध
$(b)$ $4\, \Omega$ प्रतिरोधक से प्रवाहित धारा
$(c)$ $4 \,\Omega$ प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर
$(d)$ $4\, \Omega$ प्रतिरोधक में शक्ति-क्षय
$(e)$ $A _{1}$ तथा $A _{2}$ के पाठ्यांकों में अंतर ( यदि कोई है)।
$(a)$ $4\, \Omega .$
$R=R_{1} R_{2} /\left(R_{1}+R_{2}\right)=\left(\frac{8 \times 8}{8+8}\right)=4\, \Omega$
$(b)$ $1\, A$.
$I=V / R=8 /(4)+\left(\frac{8 \times 8}{8+8}\right)=8 / 8=1\, A$
$(c)$ $4 \,V .$
$V=I R=14=4 \,V$
$(d) $ $4 \,W$.
$P=P R=1^{2} \quad 4=4\, W$
$(e)$ No difference.
Same current flows through each element in a series circuit.
तीन सर्वसम बल्ब $B _{1}, B _{2}$ तथा $B _{3}$ चित्र में दर्शाए अनुसार संयोजित हैं। जब तीनों बल्ब चमकते हैं, तो ऐमीटर $A$ का पाठ्यांक $3 \,A$ होता है।
$(i)$ यदि बल्ब $B _{1}$ फ्यूज़ हो जाए, तो अन्य दो बल्बों की चमक पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
$(ii)$ यदि बल्ब $B _{2}$ फ्यूज़ हो जाए तो $A _{1}, A _{2}, A _{3}$ तथा $A$ के पाठ्यांकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
$(iii)$ जब तीनों बल्ब एक साथ चमकते हैं, तो परिपथ में कितनी शक्ति क्षय होती है?
कोई विध्युत केतली $220\, V$ पर प्रचालित होने पर $1 \,kW$ विध्युत शक्ति उपभुक्त करती है। इसके लिए किस अनुमतांक के फ्यूज़ तार का उपयोग किया जाना चाहिए? ($A$ में)
किसी पदार्थ की वैध्युत प्रतिरोधकता से क्या तात्पर्य है? इसका क्या मात्रक है? किसी चालक तार के प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन करने के लिए किसी प्रयोग का वर्णन कीजिए।
तीन तापदीप्त लैंप, जिनमें प्रत्येक $100 \,W ; 220\, V$ का है , किसी $220\, V$ आपूर्ति के विध्युत परिपथ में श्रेणीक्रम में संयोजित हैं। किसी अन्य परिपथ में समान विध्युत स्रोत से यही तीनों लैंप पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। अब, मान लीजिए दोनों परिपथों का एक-एक बल्ब फ्यूज़ हो जाता है, तो क्या प्रत्येक परिपथ में बाकी बचे बल्ब लगातार चमकते रहेंगे। कारण लिखिए।
घरेलू परिपथों में तारों की पार्श्व व्यवस्था का उपयोग क्यों किया जाता है?