किसी पतली धातु की पत्ती से बनाये गये संधारित्र की धारिता $2\,\mu F$ है। यदि पत्ती को $0.15\,mm$ मोटाई के कागज के साथ मोड़ दिया जाये जबकि कागज का परावैद्युतांक $2.5$ एवं कागज की चौड़ाई $400\,mm$ हो तो पत्ती की लम्बाई.......$m$ होगी
$0.34$
$1.33$
$13.4$
$33.9$
एक समान्तर प्लेट संधारित्र, जिसकी प्लेटों के बीच की दूरी $5 \mathrm{~mm}$ है, को एक बैटरी द्वारा आवेशित किया जाता है। यह पाया जाता है कि इसकी प्लेटों के बीच $2 \mathrm{~mm}$, मोटाई की एक परावैद्युत चादर रखने से इस पर पहले से $25 \%$ अधिक आवेश एकत्रित होता है जबकि बैटरी कनेक्शन लगा रहे, च्चादर पर परातैद्युतांक . . . . . . हैं।
नीचे दिए गए चित्र के अनुसार, दो एक जैसे समानान्तर पट्टिका संधारित्र, जिनकी संधारिता $C$ है, $E$ विद्युत वाहक बल की बैटरी से श्रेणी में जुड़े हैं। यदि एक संधारित्र को $k$ परावैद्युतांक के परावैद्युत से भर दिया जाता है तो बैटरी से बहने वाले आवेश का परिमाण क्या होगा? (बैटरी के आंतरिक प्रतिरोध को नगण्य मानिए)
एक समानान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $2\,\mu \,F$ है तथा प्लेटों के बीच की दूरी $0.4\, cm$ है। प्लेटों के बीच की दूरी आधी कर दी जाती है तथा प्लेटों के मध्य $2.8$ परावैद्युतांक का पदार्थ भर दिया जाता है। संधारित्र की अन्तिम धारिता........$\mu \,F$ है
दो संधारित्रों को श्रेणी क्रम में जोड़ा गया है, जिनमें प्रत्येक की धारिता $40\,\mu F$ है। इनमें से एक संधारित्र की पट्यियों के बीच के स्थान को $K$ परावैद्युतांक वाले परावैद्युत पदार्थ से भरा जाता है कि निकाय की तुल्य धारिता $24\,\mu F$ हो जाती है। $K$ का मान होगा :
एक वायु संधारित्र की धारिता $1\,pF$ है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी दुगुनी कर दी जाये एवं प्लेटों के मध्य मोम भर दी जाये तो धारिता बढ़कर $2\,pF$ हो जाती है, मोम का परावैद्युतांक होगा