$1$ कैलोरी ऊष्मा की वह मात्रा जो कि $1\, g $ पानी के ताप में $1°C$ की वृद्धि के लिये व्यय होती है। इस परिभाषा में दाब व ताप वृद्धि की शर्त है
पारे का $760 \,mm $ दाब, तथा $14.5°C$ से $15.5°C$ ताप वृद्धि
पारे का $760 \,mm$ दाब, तथा $98.5°C$ से $99.5°C$ ताप वृद्धि
पारे का $76 \,mm$ दाब, तथा $13.5°C$ से $14.5°C$ ताप वृद्धि
पारे का $76 \,mm$ दाब, तथा $3.5°C$ से $4.5°C$ ताप वृद्धि
एक प्रयोग में $0.20 \;kg$ द्रव्यमान के अल्युमिनियम के एक गोले को $150^{\circ} C$ तक गर्म किया जाता है। इसके तुरंत बाद इसे $27^{\circ} C$ व $150 \;cc$ आयतन वाले पानी से भरे एक कैलोरीमीटर, जोकि $0.025 \;kg$ पानी के तुल्य है, में डाल देते हैं। इस निकाय का अन्त तापमान $40^{\circ} C$ है। अल्युमिनियम की विशिष्ट ऊष्मा होगी : $(4.2$ जूल $=1$ कैलोरी है।$)$
एक बीकर में $200 \,gm$ पानी है। बीकर की ऊष्माधारिता का मान $20\, gm$ पानी के बराबर है। बीकर में स्थित पानी का प्रारम्भिक ताप $20°C$ है। यदि $92°C$ पर $440\, gm$ पानी को इसमें मिलाया जाता है तो अंतिम ताप (विकिरण क्षय को नगण्य मानकर) का लगभग मान ........ $^oC$ होगा
$50\, g$ ताँबे को गर्म करने पर इसका तापक्रम $10°C$ बढ़ जाता है, यदि समान परिमाण की ऊष्मा $10\, g$ पानी को दी जाये तो इसके तापक्रम में वृद्धि ........ $^oC$ होगी (ताँबे की विशिष्ट ऊष्मा $= 420 Joule-kg^{-1} {°C^{-1}}$)
नगण्य ऊष्मा धारिता वाले कैलोरीमीटर में रखे हुए द्रव का तापमान बढ़ाने के लिए $P$ वाट नियत शक्ति प्रदान करने वाले हीटर (heater) को $t =0$ मिनट पर चालू किया जाता है। एक छात्र द्रव के तापमान $T ( t )$ को समान समयान्तराल पर अभिलेखित करता है। $T(t)(y$-अक्ष) तथा $t(x$-अक्ष) के बीच एक आरेख खींचा जाता है। यदि गर्म करते समय वातावरण में कोई ऊष्मा-क्षय नहीं होता है, तब
एक कुचालक बर्तन में $-20°C$ पर $2\, kg$ बर्फ रखी हुई है। इसमें $0°C$ ताप वाले $5\, kg$ जल को मिलाया जाता है। ऊष्मा के स्थानान्तरण के पश्चात् अंत में बर्तन में शेष बचे पानी का द्रव्यमान ....... $kg$ होगा। (पानी एवं बर्फ की विशिष्ट ऊष्मा क्रमश: $1\, k\,cal/kg$ प्रति $°C$ एवं $0.5\, kcal/kg/°C$ एवं बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा $80\, k\,cal/kg)$