चित्र में दर्शाये अनुसार, किसी तार का यंग प्रत्यास्थता गुणांक ज्ञात करने के एक प्रयोग में, प्रसार-लोड (भार) का वक्र आरेखित किया गया है। वक्र एक सरल रेखा है, जो कि मूल बिन्दु से गुजर रही है, एवं भार-अक्ष से $45^{\circ}$ का कोण बना रही है। तार की लम्बाई $62.8 \mathrm{~cm}$ एवं इसका व्यास $4 \mathrm{~mm}$ है। यंग प्रत्यास्थता गुणांक $\mathrm{x} \times 10^4 \mathrm{Nm}^{-2}$ पाया जाता है। $\mathrm{x}$ का मान है_______
$4$
$3$
$2$
$5$
$1$ मीटर लम्बे एवं $1$ मिलीमीटर$^2$ अनुप्रस्थ काट वाले लोहे के तार को दृढ़ आधार से लटकाया गया है। जब इससे $1$ किलोग्राम भार को लटकाया जाता है तब इसकी लम्बाई में परिवर्तन..... $mm$ होगा $(Y = 2 \times {10^{11}}N/{m^2})$
एक धागे पर, जिसकी त्रिज्या $r$ है, भार $W$ आरोपित करने पर इसकी लम्बाई में $1$ मिली मीटर की वृद्धि होती है। अब यदि भार को $4$ $W$ एवं त्रिज्या को $2 $ $r$ कर दिया जाये तथा अन्य राशियाँ नियत रहें तो लम्बाई में वृद्धि..... $mm$ होगी
मृदु इस्पात के चार समरूप खोखले बेलनाकार स्तम्भ $50.000\, kg$ द्रव्यमान के किसी बड़े ढाँचे को आधार दिये हुए हैं। प्रत्येक स्तम्भ की भीतरी तथा बाहरी त्रिज्याएँ क्रमशः $30$ तथा $60\, cm$ हैं। भार वितरण को एकसमान मानते हुए प्रत्येक स्तम्भ की संपीडन विकृति की गणना कीजिये।
$10-6$ मी $2$ क्षेत्रफल के तार की लम्बाई में $0.1\%$ की वृद्धि होने पर उसमें $1000$ न्यूटन का तनाव उत्पन्न होता है। तार का यंग प्रत्यास्थता गुणांक है
$l$ लम्बाई तथा $A$ अनुप्रस्थ परिच्छेद की लोहे की छड़ को $0°C$ से $100°C$ तक गर्म किया गया है। यदि इस छड़ को इस प्रकार रखा जाता है कि इसकी लम्बाई को बढ़ने नहीं दिया जाता हैए तो इसमें उत्पन्न बल $F$ समानुपाती रहता है