भौतिकी का एक प्रसिद्ध संबंध किसी कण के 'चल द्रव्यमान (moving mass)' $m$ ' विराम द्रव्यमान (rest mass)' $m_{0}$, इसकी चाल $v$, और प्रकाश की चाल $c$ के बीच है । ( यह संबंध सबसे पहले अल्बर्ट आइंस्टाइन के विशेष आपेक्षिकता के सिद्धांत के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुआ था।) कोई छत्र इस संबंध को लगभग सही याद करता है लेकिन स्थिरांक $c$ को लगाना भूल जाता है । वह लिखता है $: m \frac{m_{0}}{\left(1 \quad v^{2}\right)^{1 / 2}}$ । अनुमान लगाइए कि $c$ कहां लगेगा
एक विशेष मात्रक पद्धति निकाय (system of units) में, एक भौतिकी राशि को इलेक्ट्रॉनिक आवेश $e$, इलेक्ट्रॉन द्रव्यमान $m_e$ प्लांक नियतांक (Planck's constant) $h$ और कूलाम्ब नियतांक $k=\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}$ के रूप में निरूपित किया जाता है, जहाँ $\epsilon_0$ निर्वात का परावेधुतांक (permittivity) है। इन भौतिकीय नियतांको के रूप में, चुम्बकीय क्षेत्र की विमा (dimension) $[B]=[e]^\alpha\left[m_e\right]^\beta[h]^\gamma[k]^\delta$ है। $\alpha+\beta+\gamma+\delta$ का मान. . . . . है ।
ऊर्जा घनत्व का व्यंजक निम्नवत है $u =\frac{\alpha}{\beta} \sin \left(\frac{\alpha x }{ kt }\right)$, जहाँ $\alpha$ एवं $\beta$ स्थिरांक हैं, $x$ विस्थापन है, $k$ वोल्टजमैन स्थिरांक है एवं $t$ तापमान है। $\beta$ की विमाऐं होंगी :
कोई वस्तु द्रव में गतिशील है। इस पर क्रियाशील श्यान बल, वेग के समानुपाती है, तो समानुपातिक नियतांक की विमा होगी
किसी वियुक्त निकाय में किसी गैस के अणुओं द्वारा किया गया कार्य $W =\alpha \beta^{2} e ^{-\frac{x^{2}}{\alpha kT }}$ द्वारा निरूपित किया गया है, यहाँ $x$ विस्थापन, $k$-बोल्ट्ज़मान नियतांक तथा $T$ ताप है। $\alpha$ और $\beta$ स्थिरांक हैं। $\beta$ की विमा होंगी।