एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश ‘$e$’ तथा द्रव्यमान ‘$m$’ है, समरूप विद्युत क्षेत्र $E$ में गति कर रहा है। इसका त्वरण होगा
$\frac{{{e^2}}}{m}$
$\frac{{{E^2}e}}{m}$
$\frac{{eE}}{m}$
$\frac{{mE}}{e}$
एक इलेक्ट्रॉन $2 \times {10^4}N{C^{ - 1}}$ परिमाण के विद्युत क्षेत्र में कुछ दूरी से गिरता है। यदि विद्युत क्षेत्र का परिमाण नियत रखकर इसकी दिशा बदल दी जाये और एक प्रोटॉन को कुछ से गिराया जाये तो गिरने में लगा समय
प्रारंभ में $x$ -अक्ष के अनुदिश $v_{x}$ चाल से गति करती हुई दो आवेशित प्लेटों के मध्य क्रेत्र में $m$ द्रब्यमान तथा $-q$ आवेश का एक कण प्रवेश करता है ( चित्र में कण $1$ के समान )। प्लेटों की लंबाई $L$ है। इन दोनों प्लेटों के बीच एकसमान विध्युत क्षेत्र $E$ बनाए रखा जाता है। दर्शाइए कि प्लेट के अतिम किनारे पर कण का ऊर्ध्वाधर विक्षेप $q E L^{2} /\left(2 m v_{x}^{2}\right)$ है।
कोई इलेक्ट्रॉन विरामावस्था से किसी एकसमान तथा ऊपर को ऊर्ध्वाधर विघुत-क्षेत्र $E$ में कोई दी गई दूरी, $h$ गिरता है । अब विघुत-क्षेत्र का परिमाण अपरिवर्तित रखते हुए इसकी दिशा उत्क्रमित कर दी जाती है । किसी प्रोटॉन को विरामावस्था से इतनी ही ऊर्ध्वाधर दूरी $h$ तक इसमें गिरने दिया जाता है । प्रोटॉन के गिरने में लिए गए समय की तुलना में इलेक्ट्रॉन द्वारा गिरने में लिया गया समय है
$5 \times {10^6}\,m/sec$ की चाल से गतिमान एक इलेक्ट्रॉन $1 \times {10^3}\,N/C$ तीव्रता के विद्युत क्षेत्र में क्षेत्र के समान्तर प्रवेश करता है। विद्युत क्षेत्र के कारण इलेक्ट्रॉन का मंदन हो रहा है। बताइये इलेक्ट्रॉन रुकने से पहले (क्षण भर रुकने से पहले) कितनी दूरी तय करेगा (इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $ = 9 \times {10^{ - 31}}\,Kg$ एवं आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}\,C)$
एक इलेक्ट्रॉन जिसका द्रव्यमान ${m_e}$ है प्रारम्भ में विराम अवस्था में है। ${t_1}$ समय में इलेक्ट्रॉन किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में निश्चित दूरी से चलता है। एक प्रोटॉन जिसका द्रव्यमान ${m_p}$ है, वह भी विराम अवस्था में है। प्रोटॉन भी इसी विद्युत क्षेत्र में उतनी ही दूरी चलने में ${t_2}$ समय लेता है। यदि गुरुत्वीय प्रभाव नगण्य माना जाये तो ${t_2}/{t_1}$ का लगभग मान होगा