एक इलेक्ट्रॉन जिसका द्रव्यमान ${m_e}$ है प्रारम्भ में विराम अवस्था में है। ${t_1}$ समय में इलेक्ट्रॉन किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में निश्चित दूरी से चलता है। एक प्रोटॉन जिसका द्रव्यमान ${m_p}$ है, वह भी विराम अवस्था में है। प्रोटॉन भी इसी विद्युत क्षेत्र में उतनी ही दूरी चलने में ${t_2}$ समय लेता है। यदि गुरुत्वीय प्रभाव नगण्य माना जाये तो ${t_2}/{t_1}$ का लगभग मान होगा
$1$
${({m_p}/{m_e})^{1/2}}$
${({m_e}/{m_p})^{1/2}}$
$1836$
एकसमान आवेशित गोलाकार कोश के भीतर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता होती है
एक इलेक्ट्रॉन $2 \times {10^4}N{C^{ - 1}}$ परिमाण के विद्युत क्षेत्र में कुछ दूरी से गिरता है। यदि विद्युत क्षेत्र का परिमाण नियत रखकर इसकी दिशा बदल दी जाये और एक प्रोटॉन को कुछ से गिराया जाये तो गिरने में लगा समय
समरूप विद्युत क्षेत्र ${10^3} \,V/m$. $y$-अक्ष के अनुदिश है। ${10^{ - 6}}\,C$ आवेश व $1\,g$ द्रव्यमान की वस्तु धनात्मक $x$-अक्ष के अनुदिश $10$ मीटर/सैकण्ड के वेग से प्रक्षेपित की जाती है। $10$ सैकण्ड बाद इसकी चाल मीटर/सैकण्ड में होगी (गुरुत्व को नगण्य मानते हुये)
एक इलेक्ट्रॉन विद्युत क्षेत्र में किसी वेग से विद्युत बल रेखाओं की दिशा में प्रवेश करता है तो
एक छोटे धनावेशित कण को एक मेज के किनारे से छोड़ा जाता है। इस क्षेत्र में क्षैतिज दिशा में एक एकसमान विधुत क्षेत्र है (चित्र देखें)। ऐसी अवस्था में निम्न में से कौनसा ग्राफ कण के पथ को उचित रूप से दर्शाता है? (ग्राफ सांकेतिक है).