नीचे दिये गए चित्र के अनुसार एक इलेक्ट्रॉन एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र वाले कोष्ठ में प्रवेश करता है। गुरुत्वाकर्षण को नगण्य मानते हुए एक उचित परिमाण का वैद्युत क्षेत्र इस प्रकार से लगाया जाता है कि इलेक्ट्रॉन बिना विचलन के कोष्ठ में चलता है। इलेक्ट्रॉन की चाल अपरिवर्तित रहती है। कोष्ठ में गति के दौरान
इलेक्ट्रॉन पर लगा बल नियत होगा
इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जानियत रहेगी
इलेक्ट्रॉन का संवेग नियत रहेगा
इलेक्ट्रॉन की चाल नियत दर से बढ़ती रहेगी
लॉरेन्ज बल का परिकलन करने के लिये सूत्र है
एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन की गतिज ऊर्जायें समान हैं। ये दोनों चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं, तो
$100 \mathrm{~V}$ के विभमान्तर द्वारा त्वरित $2 \ \mu \mathrm{C}$ का एक आवेश कण $4 \ \mathrm{mT}$ परिमाण के एक समान चुम्बकीय क्षेत्र के एक प्रभाग में क्षेत्र की दिशा से समकोण पर प्रवेश करता है। आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र में $3 \ \mathrm{~cm}$ त्रिज्या का अर्द्धवृत पूर्ण करता है। आवेशित कण का द्रव्यमान ___________ $\times 10^{-18}$ किग्रा. है।
एक आवेशित कण किसी $(2 \hat{ i }+3 \hat{ j })\,T$ मान के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में चल रहा है। यदि इसका त्वरण $(\alpha \hat{ i }-4 \hat{ j })\,m / s ^2$ है, तो $\alpha$ का मान होगा
आवेश $q$ तथा द्रव्यमान $m$ का एक कण $Y - Z$ समतल में $d$ दूरी पर रखे पर्दे की ओर $-v \hat{i}(v \neq 0)$ वेग से चल रहा है। यदि एक चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }= B _{0} \hat{ k }$ उपस्थित हो तो, $v$ के किस न्यूनतम मान के लिए कण पर्दे से नहीं टकरायेगा ?