$5 \,MeV$ ऊर्जा का एक अल्फा कण एक स्थिर यूरेनियम नाभिक से $180^o$ के कोण पर प्रकीर्ण होता है। $\alpha - $ कण की नाभिक के निकटतम आने की दूरी का कोटि मान है
$1 \;\mathring A$
${10^{ - 10}}cm$
${10^{ - 12}}cm$
${10^{ - 15}}cm$
इलेक्ट्रॉन का कक्षीय त्वरण है
हाइड्रोजन के स्पेक्ट्रम में लाइमन तथा बामर श्रेणी की सर्वाधिक लम्बी तरंगदैर्ध्यो का अनुपात होगा है
तेज गति वाले $\alpha-$कण पुंज एक पतली सोने की फिल्म पर गिरते हैं। निम्न चित्र में पुंज के आपतित भाग $A, B$ और $C$ के सापेक्ष संचरित व परावर्तित भाग $A', B'$ और $C'$ प्रदर्शित हैं। $\alpha$-कणों की संख्या
परमाणु के रदरफोर्ड के नाभिकीय मॉडल में, नाभिक ( त्रिज्या लगभ्ग $10^{-15} \,m$ ) सूर्य के सदृश है, जिसके परित: इलेक्ट्रॉन अपने कक्ष ( त्रिज्या $\approx 10^{-10} \, m$ ) में ऐसे परिक्रमा करता है जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है। यदि सौर परिवार की विमाएँ उसी अनुपात में होतीं जो किसी परमाणु में होती हैं, तो क्या पृथ्वी अपनी वास्ताविक स्थिति की अपेक्षा सूर्य के पास होगी या दूर होगी? पृथ्वी के कक्ष की त्रिज्या लगभग $1.5 \times 10^{11} \,m$ है। सूर्य की त्रिज्या $7 \times 10^{8} \,m$ मानी गई है।
रदरफोर्ड के प्रकीर्णन प्रयोग में $\alpha $ प्रकीर्णन की स्थिति में संघट्ट प्राचल $b = 0$ के लिये सही कोण .....$^o$ होगा