वायुयान के पंख के ऊपर व नीचे से वायु क्रमश: $120 m/s$  व $90 m/s$  के क्षैतिज वेग से बह रही है। वायु का घनत्व $ 1.3 kg / m^3$  है। पंख की लम्बाई $10 m$  व औसत चौड़ाई $2 m$  है। पंख के दोनों ओर दाबांतर ........ पास्कल  होगा

  • A

    $4095.0 $

  • B

    $409.50$

  • C

    $40.950 $

  • D

    $4.0950$

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बरनौली समीकरण के अनुसार, $\frac{P}{{\rho g}} + h + \frac{1}{2}\,\frac{{{v^2}}}{g} = $ नियतांक। पद $ A, B$  व $ C$ प्राय: कहलाते हैं

$L-$ आकार की एक नली चित्रानुसार जल की बहती धारा में रखी है। नली का ऊपरी सिरा द्रव सतह से $ 10.6 cm $ ऊपर है। नली से बाहर ऊपर की ओर निकलने वाली धारा की ऊँचाई ....... $cm$ होगी ? जल धारा का वेग $2.45 m/s $ है

आंतरिक व्यास $8 \times 10^{-3} \,m$ वाले एक टोंटी से पानी लगातार प्रवाहित हो रहा है। जैसे ही पानी टोंटी से बाहर आता है, पानी का वेग $0.4\,ms ^{-1}$ है। योंटी के नीचे $2 \times 10^{-1} \,m$ की दूरी पर पानी की धारा का व्यास ($\times 10^{-3}\;m$) लगभग है:

  • [AIEEE 2011]

किसी द्रव (घनत्व$\rho $) से भरे पात्र की दीवारों में विपरीत ओर समान क्षेत्रफल $a$  के दो छिद्र (चित्रानुसार) हैं। छिद्रों की ऊँचाईयों में अंतर $ h$ है। पात्र क्षैतिज घर्षण रहित तल पर रखा है। वह क्षैतिज बल जो पात्र को साम्यावस्था में रखने के लिए आवश्यक है, होगा

अनुप्रस्थ-काट क्षेत्रफल $S_t$ वाली एक रेलगाड़ी अनुप्रस्थ-काट क्षेत्रफल $S_0\left(S_0=4 S_t\right)$ की एक लम्बी सुरंग के अन्दर $v_t$ चाल से गतिशील है। माना की रेलगाड़ी के सामने लगभग सभी वायु (घनत्व $\rho$ ) इसके सिरों (किनारों) तथा सुरंग की दीवारों के मध्य पीछे की ओर प्रवाहित होती है तथा रेलगाड़ी के सापेक्ष वायु प्रवाह स्थिर तथा पटलीय है। परिवेशी दाब लेते हुए तथा रेलगाड़ी के अन्दर परिवेशी दाब $p _0$ है। यदि रेलगाड़ी के सिरों तथा सुरंग की दीवारों के मध्य में दाब $p$ है, तब $p _0- p =\frac{7}{2 N } \rho v _{ t }^2$ है। $N$ का मान. . . . . है।

  • [IIT 2020]