किसी कमानीदार तुला का पैमाना $0$ से $50\, kg$ तक अंकित है और पैमाने की लंबाई $20\, cm$ है । इस तुला से लटकाया गया कोई पिण्ड, जब विस्थापित करके मुक्त किया जाता है, $0.6\, s$ के आवर्तकाल से दोलन करता है । पिंड का भार कितना है ?

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Maximum mass that the scale can read, $M=50 \,kg$

Maximum displacement of the spring $=$ Length of the scale, $l=20 \,cm =0.2\, m$

Time period, $T=0.6 \,s$

Maximum force exerted on the spring, $F=M g$

Where, $g=$ acceleration due to gravity $=9.8 \,m / s ^{2}$

$F=50 \times 9.8=490$

Spring constant, $k=\frac{F}{l}=\frac{490}{0.2}=2450 \,Nm ^{-1}$

Mass $m,$ is suspended from the balance.

Time period, $T=2 \pi \sqrt{\frac{m}{k}}$

$\therefore m=\left(\frac{T}{2 \pi}\right)^{2} \times k=\left(\frac{0.6}{2 \times 3.14}\right)^{2} \times 2450=22.36 \,kg$

Weight of the body $=m g=22.36 \times 9.8=219.167\, N$

Hence, the weight of the body is about $219\; N$

Similar Questions

एक $60\, kg$ भार का व्यक्ति चित्रानुसार एक  स्प्रिंग तुला के क्षैतिज प्लेट फार्म पर खड़ा है। अब प्लेट फार्म $0.1\, m$ आयाम एवं $\frac{2}{\pi }Hz$ आवृत्ति से सरल आवर्त गति करने लगता है। निम्न में से कौन सा कथन सही है

घर्षणहीन क्षैतिज तल पर पड़ी हुई $k$ बल स्थिरांक की द्रव्यमान रहित स्प्रिंग के एक सिरे से $m$ द्रव्यमान का कण जुड़ा हुआ है। इस स्प्रिंग का दूसरा सिरा बद्ध है। यह कण अपनी साम्यावस्था से समय $t=0$ पर प्रारम्भिक क्षैतिज वेग $u_0$ से गतिमान हो रहा है। जब कण की गति $0.5 u_0$ होती है, यह एक दृढ़ दीवार से प्रत्यास्थ संघट्ट करता है। इस संघट्ट के बाद -

$(A)$ जब कण अपनी साम्यावस्था से लौटता है इसकी गति $u_0$ होती है।

$(B)$ जब कण अपनी साम्यावस्था से पहली बार गुजरता है वह समय $t=\pi \sqrt{\frac{m}{k}}$ है।

$(C)$ जब स्प्रिंग से सम्पीड़न अधिकतम होता है वह समय $t =\frac{4 \pi}{3} \sqrt{\frac{ m }{ k }}$ है।

$(D)$ जब कण अपनी साम्यावस्था से दूसरी बार गुजरता है वह समय $t =\frac{5 \pi}{3} \sqrt{\frac{ m }{ k }}$ है।

  • [IIT 2013]

स्प्रिंग स्थिरांक $k$ वाली एक स्प्रिंग को काटकर दो हिस्से इस प्रकार किये जाते हैं कि एक हिस्सा दूसरे से लम्बाई में दुगुना है। तब लम्बे हिस्से का स्प्रिंग स्थिरांक होगा

  • [IIT 1999]

चित्र में दर्शाए अवमदित दोलक के लिए गुटके का द्रव्यमान $m=200\, g . k =90\, N\, m ^{-1}$ तथा अवमंदन स्थिरांक $b=40 g s ^{-1}$ है ।

$(a)$ दोलन का आवर्तकाल.

$(b)$ वह समय जिसमें इसके कंपन का आयाम अपने आरंभिक मान का आधा रह जाता है तथा

$(c)$ वह समय जिसमें यांत्रिक ऊर्जा अपने आरंभिक मान की आधी रह जाती है, परिकलित कीजिए

$0.01 kg $ द्रव्यमान की एक वस्तु चित्रानुसार दिखाये गये बल के प्रभाव के अन्तर्गत बिन्दु $x = 0$ के परित: सरल आवर्त गति कर रही है इसका आवर्तकाल .... $s$ है