$v$ वेग से गतिशील एक प्रोटॉन (आवेशित कण) पर विद्युत क्षेत्र $E$ एवं चुम्बकीय क्षेत्र $B$ लगाया जाता है। प्रोटॉन बिना किसी विक्षेप के गतिशील रहेगा यदि
$E$, $B$ के लम्बवत् हो
$E$ , $v$ के समान्तर तथा $B$ के लम्बवत् हो
$E$, $B$ और $v$ तीनों आपस में एक-दूसरे क लम्बवत् हों और $v = \frac{E}{B}$
$E$ एवं $B$ दोनों $v$ के समान्तर हों
एक प्रोटॉन और $\alpha $-कण समान वेग से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं। अगर प्रोटॉन $5$ परिक्रमा में $25$ माइक्रो सैकण्ड लेता है तो $\alpha$-कण का आवर्तकाल........$\mu \, sec$ होगा
समान आवेश के दो कण $\mathrm{X}$ तथा $\mathrm{Y}$ एकसमान विभवान्तर द्वारा त्वरित किये गये जाते है। इसके बाद यह एक समान चुम्बकीय क्षेत्र परिसर में लम्बवत प्रवेश करते है तंथा क्रमशः $\mathrm{R}_1$ व $\mathrm{R}_2$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ बनाते हैं। $\mathrm{X}$ तथा $\mathrm{Y}$ के द्रव्यमानों का अनुपात है:
इलेक्ट्रॉन $6 \times {10^7}$ मीटर/सैकण्ड चाल से चुम्बकीय क्षेत्र $1.5 \times {10^{ - 2}}\,T$ के लम्बवत् गति करते हैं। यदि इलेक्ट्रॉन का विशिष्ट आवेश $1.7 \times {10^{11}}$ कूलॉम/किलोग्राम हो तो वृत्तीय पथ की त्रिज्या .........$cm$ होगी
समान गतिज ऊर्जा के ${H^ + },\,H{e^ + }$ तथा ${O^{ + + }}$ आयन एक ऐसे क्षेत्र से होकर गुजरते हैं जहाँ एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ आयन के वेग के लम्बवत् हैं। आयन ${H^ + },\,H{e^ + }$ तथा ${O^{ + + }}$ के द्रव्यमान क्रमश: $1:4:16 $ के अनुपात में है। परिणामस्वरुप
एक गतिमान इलेक्ट्रॉन पर $1500\, V / m$ तीव्रता का एक विद्युत क्षेत्र एवं $0.40\, wb/m^2$ तीव्रता का एक चुम्बकीय क्षेत्र कार्यरत है। एक सरल रेखा के अनुदिश इसका न्यूनतम वेग