एक प्रक्षेप्य को क्षैतिज से $45^{\circ}$ के कोण पर प्रक्षेपित किया गया है, तो प्रक्षेप बिन्दु से देखने से, प्रक्षेप्य के उच्चतम बिन्दु पर उसका उन्नयन कोण होगा
$45^o $
$60^o $
$ta{n^{ - 1}}\left( {\frac{1}{2}} \right)$
$ta{n^{ - 1}}\left( {\frac{{\sqrt 3 }}{2}} \right)$
एक प्रक्षेप्य की समीकरण $y = 16x - \frac{{5{x^2}}}{4}$ है। परास है
एक प्रक्षेप्य को पृथ्वी की सतह से $5$ मी/से के वेग से क्षैतिज दिशा से $\theta$ कोण पर छोड़ा जाता है। किसी अन्य ग्रह से $3$ मी/से के वेग तथा इसी कोण $(\theta)$ पर छोड़े गये एक प्रक्षेप्य का प्रक्षेप पथ, पृथ्वी से छोड़े गये प्रक्षेप्य के प्रक्षेप पथ के सर्वसम (सर्वथा समान) है। यदि पृथ्वी पर $g =9.8$ मी/से$^2$ है तो, इस ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान मी/से $^{2}$ में होगा।
$m$ द्रव्यमान की किसी वस्तु को क्षैतिज के साथ $\theta$ कोण बनाते हुये ऊपर की ओर $v$ वेग से फेंका जा रहा है, तो ऊपर जाने पर $t$ सैकण्ड पश्चात् वस्तु का वेग होगा
पानी का एक फव्वारा धरती पर चारों तरफ पानी छिड़कता है। यदि फव्वारे से निकल रहे पानी की चाल $v$ है, तब फब्वारें के चारों तरफ गीला होने वाला अधिकतम कुल क्षैत्रफल हैं:
नीचे दो कथन दिये गये है: एक को अभिकथन $A$ तथा दूसरे को कारण $R$ से चिन्हित किया गया है। अभिकथन $\mathrm{A}$ : जब एक पिण्ड को $45^{\circ}$ के कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है, इसकी परास अधिकतम है।
कारण $R$ : अधिकतम परास के लिए, $\sin 2 \theta$ का मान एक के बराबर होना चाहिए। उपरोक्त कथनों के संदर्भ में नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।