एक समान्तर प्लेट संधारित्र जिसकी धारिता $(C)$ $14 \,pF$ है, को एक बैटरी से, प्लेटों के मध्य $V =12\, V$ विभवान्तर तक आवेशित किया जाता है। अब बैटरी को हटाकार एक पोर्सलिन की प्लेट $( k =7)$ को प्लेटों के मध्य रखा गया है, तो प्लेट $........\,pJ$ की नियत यांत्रिक ऊर्जा के साथ प्लेटों के मध्य आगे-पीछे दोलन करने लगेगी।
(माना गया कि कोई घर्षण नहीं है)
$872$
$972$
$784$
$864$
${R_1}$ एवं ${R_2}$ त्रिज्या के दो गोले, जिन पर आवेश क्रमश: ${Q_1}$ और ${Q_2}$ है, परस्पर संबंधित किये गये हैं, तब निकाय की ऊर्जा में
एक धारिता $C$ के संधारित्र को विभव $V _{0}$ से आवेशित करके एक दूसरे $\frac{C}{2}$ धारिता के अनावेशित संधारित्र से समांतर क्रम में जोड़ा जाता है। जब आवेश दोनों संधारित्रों में वितरित हो जाता है, तो इस प्रक्रम में क्षयित ऊर्जा का मान होगा। ($CV _{0}^{2}$ में)
एक समान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों के बीच ${10^5}\,V/m$ का विद्युत क्षेत्र है। यदि संधारित्र की प्लेट पर आवेश $1\,\mu \,C$ है तो संधारित्र की प्रत्येक प्लेट पर बल .......$N$ है
$n$ समरूप संधारित्र समान्तर क्रम में जुड़े हुए हैं और $V$ विभव तक आवेशित हैं। अब इनको अलग करके श्रेणीक्रम में जोड़ें तो संयोजन की कुल ऊर्जा और विभवान्तर होगा
एक संधारित्र का उपयोग $1200$ वोल्ट पर $24\, watt$ $×$ $hour$ ऊर्जा संचित करने के लिये किया जाता है। संधारित्र की धारिता होनी चाहिए