एक समान्तर प्लेट संधारित्र, जिसका क्षेत्रफल $A$, प्लेट अंतराल $d$ एवं धारिता $C$ है, को तीन परावैद्युत पदार्थों से भारा गया है। इनके परावैद्युतांक ${K_1},{K_2}$ और ${K_3}$ हैं। यदि केवल एक परावैद्युत पदार्थ का प्रयोग करके इस संधारित्र की वही धारिता $C$ प्राप्त करनी हो तो इसके परावैद्युतांक $k$ का समीकरण है

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  • [IIT 2000]
  • A

    $\frac{1}{k} = \frac{1}{{{k_1}}} + \frac{1}{{{k_2}}} + \frac{1}{{2{k_3}}}$

  • B

    $\frac{1}{k} = \frac{1}{{{k_1} + {k_2}}} + \frac{1}{{2{k_3}}}$

  • C

    $k = \frac{{{k_1}{k_2}}}{{{k_1} + {k_2}}} + 2{k_3}$

  • D

    $k = {k_1} + {k_2} + 2{k_3}$

Similar Questions

$20\,mu \,F$ धारिता वाले संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी $2\,mm$ है। यदि प्लेटों के बीच $1\,mm$ चौड़ा एवं $2$ परावैद्युतांक नियतांक वाला गुटका रख दिया जाये तब नयी धारिता.......$\mu \,F$ है

$3$ परावैध्यूतांक तथा $10^{7} V m ^{-1}$ की परावैध्यूत सामर्थ्य वाले एक पदार्थ से $1\, kV$ वोल्टता अनुमतांक के समांतर पट्टिका संधारित्र की अभिकल्पना करनी है। [परावैध्यूत सामर्थ्य वह अधिकतम विध्यूत क्षेत्र है जिसे कोई पदार्थ बिना भंग हुए अर्थात् आंशिक आयनन द्वारा बिना वैध्यूत संचरण आरंभ किए सहन कर सकता है] सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र को कभी भी परावैध्यूत सामर्थ्य के $10\, \%$ से अधिक नहीं होना चाहिए। $50\, pF$ धारिता के लिए पट्टिकाओं का कितना न्यूनतम क्षेत्रफल होना चाहिए?

वायु माध्यम के समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $100\, \mu F$ है तथा प्लेटों के मध्य की दूरी $d$ है। एक $t$ मोटाई की शीट $t(t \le d)$ जिसका परावैद्युतांक $5$ है, को प्लेटों के मध्य रखा जाता है, तो धारिता .......$\mu F$ हो सकती है

एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेट की लम्बाई $'l'$ चौड़ाई $'w'$ और उसके प्लेटों के बीच की दूरी $'d'$ है। इसको एक विधुत वाहक बल (emf) $V$ वाली बैटरी से जोड़ा जाता है। उसी मोटाई $'d'$ और परावैधुतांक $k =4$ के एक परावैधुत गुटके को संधारित्र की प्लेटों के बीच घुसाया जाता है। प्लेटों के अंदर गुटके को कितना घुसाने पर, संधारित्र में उचित ऊर्जा पहले वाली संचित ऊर्जा की दोगुनी होगी ?

  • [JEE MAIN 2020]

दो एक समान आवेशित गोलों का समान लम्बाई की डोरियों से लटकाया गया है। डोरियाँ एक दूसरे से $37^{\circ}$ का कोण बनाती हैं। जब इन्हें $0.7$ ग्राम/सेमी. ${ }^3$, घनत्व के किसी द्रव में डुबाया जाता है, तो उनके बीच बना कोण वही रहता है। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.4$ग्राम/सेमी. ${ }^3$ हो, तो द्रव का परावैद्युतांक. . . . . . . . होगा। $\left(\tan 37^{\circ}=\frac{3}{4}\right)$.

  • [JEE MAIN 2024]