भुजा $'a'$ वाली दो वर्गाकार प्लेटों को दूरी $d$ पर रखकर एक समांतर प्लेट संधारित्र बनाया जाता है। दिया है ( $d \ll< a$ )। इसमें परवैध्यूतांक $K$ के परावैध्यूत को चित्रानुसार लगाते हैं जिससे निचले त्रिभुजाकार भाग में परावैध्यूत पदार्थ रहता है। इस संधारित्र की धारिता होगी :

820-564

  • [JEE MAIN 2019]
  • A

    $\frac{{K{\varepsilon _0}{a^2}}}{{d\left( {K - 1} \right)}}\,\ln \,K$

  • B

    $\frac{{K{\varepsilon _0}{a^2}}}{{2d\left( {K + 1} \right)}}$

  • C

    $\frac{{K{\varepsilon _0}{a^2}}}{d}\,\ln \,K$

  • D

    $\frac{1}{2}\frac{{K{\varepsilon _0}{a^2}}}{d}$

Similar Questions

वह विभव प्रवणता जिस पर किसी संधारित्र का परावैद्युतांक पंक्चर (Puncture) हो जाता है, उसे कहते हैं

$K$ परावैद्युतांक वाले किसी गुटके के अनुप्रस्थकाट का क्षेत्रफल, एक समानान्तर पट्टिका संधारित्र की पट्यियों के क्षेत्रफल के बराबर है, एवं उसकी मोटाई $\frac{3}{4} d$ है, जहाँ $d$ संधारित्र की पट्यिं के बीच की दूरी है। जब गुटके को संधारित्र की प्लेटों के बीच में रखा जाता है तो इसकी धारिता होगी : (दिया है $C _{ o }$ संधारित्र की प्रारम्भिक धारिता है)

  • [JEE MAIN 2022]

एक समान्तर प्लेट संधारित्र को सर्वप्रथम आवेशित किया जाता है। फिर इसकी प्लेटों के बीच परावैद्युतांक की पट्टिका रखी जाती है। अपरिवर्तित रहने वाली राशि है

एक समान्तर प्लेट वायु संधारित्र की प्लेटों के मध्य की दूरी $3\,mm$ है। अब यदि $1\,mm$ मोटी एवं परावैद्युतांक $2$ वाली एक परावैद्युत पट्टी प्लेटों के बीच रख दी जाये तो धारिता बढ़ जाती है। इसकी धारिता के मान को पूर्ववत् रखने के लिये प्लेटों के बीच की दूरी..........$mm$ करनी होगी

यदि किसी संधारित्र की पट्टिकाओं पर मुक्त आवेश $q _{ f }$ है तथा उसकी पट्टिकाओं के बीच रखे परावैधुतांक $k$ के परावैधुत स्लैब पर बद्ध आवेश $q _{ b }$ है, तो बद्ध आवेश $q _{ b }$ को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है।

  • [JEE MAIN 2021]