एक समान्तर प्लेट वायु संधारित्र को आवेशित कर बैटरी हटा ली जाती है। यदि इसकी प्लेटों के मध्य परावैद्युत पदार्थ भर दिया जाये तो निम्न में से कौन सी राशि अपरिवर्तित रहेगी

  • A

    प्लेटों के मध्य विद्युत क्षेत्र

  • B

    प्लेटों के मध्य विभवान्तर

  • C

    प्लेटों पर आवेश

  • D

    संधारित्र में संचित ऊर्जा

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दिये गये चित्र के अनुसार, समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच मिश्र परावैद्युत माध्यम रखे हैं। इस प्रकार बने संधारित्रों की धारिता का व्यंजक होगा

एक $C$ धारिता वाले समान्तर प्लेट संधारित्र के प्लेटों के बीच की दूरी $d$ है और प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $A$ है। प्लेटों के बीच, पूरे स्थान को प्लेटों के समान्तर, $\delta=\frac{ d }{ N }$ मोटाई वाली $N$ पराविधुत  परतों से भर देते है। $m ^{\text {h }}$ परत का पराविधुतांक $K _{ m }= K \left(1+\frac{ m }{ N }\right)$ है। बहुत अधिक $N \left(>10^3\right)$ के लिए धारिता $C =\alpha\left(\frac{ K \varepsilon_0 A }{ d \;ln 2}\right)$ है। $\alpha$ का मान. . . . .होगा। [मुक्त आकाश (free space) की विधुतशीलता $\epsilon_0$ है]

  • [IIT 2019]

एक गोलीय संधारित्र के भीतरी गोले की त्रिज्या $12 \,cm$ तथा बाहरी गोले की त्रिज्या $13\, cm$ है। बाहरी गोला भू-संपर्कित है तथा भीतरी गोले पर $2.5\, \mu C$ का आवेश दिया गया है। संकेंद्री गोलों के बीच के स्थान में $32$ परावैध्यूतांक का द्रव भरा है।

$(a)$ संधारित्र की धारिता ज्ञात कीजिए।

$(b)$ भीतरी गोले का विभव क्या है?

$(c)$ इस संधारित्र की धारिता की तुलना एक $12 \,cm$ त्रिज्या वाले किसी वियुक्त गोले की धारिता से कीजिए। व्याख्या कीजिए कि गोले की धारिता इतनी कम क्यों है।

एक समान्तर प्लेट धारित्र में प्लेट का क्षेत्रफल $A$ तथा प्लेटों के बीच अन्तराल $d$ है? $K _{1}$ तथा $K _{2}$ परावैधुतांक वाले समान क्षेत्रफल $A / 2$ तथा मोटाई $d / 2$ के दो परावैधुत गुटके प्लेटों के मध्य स्थान में रखे जाते है। धारित्र की धारिता होगी?

  • [JEE MAIN 2021]

जब संधारित्र में परावैद्युत वायु के स्थान पर $K$ परावैद्युतांक के पदार्थ को रखा जाता है, तो धारिता