नाभिकीय अभिक्रिया $_Z{X^A}\, \to {\,_{Z + 1}}{Y^A}{ + _{ - 1}}{e^0} + \bar p$ प्रदर्शित करती है
$\gamma-$ क्षय
संलयन
विखण्डन
$\beta-$क्षय
नाभिकीय अभिक्रिया$_{85}{X^{297}} \to Y + 4\alpha ,\;$ में $Y$ है
एक रेडियोऐक्टिव नाभिक का क्षय निम्न प्रकार से होता है
$A\xrightarrow{\alpha }{{A}_{1}}\xrightarrow{\beta }{{A}_{2}}\xrightarrow{\alpha }{{A}_{3}}\xrightarrow{\gamma }{{A}_{4}}$
यदि $A$ की द्रव्यमान संख्या एवं परमाणु संख्या क्रमश: $180$ एवं $72$ है, तो $A_4$ के लिए यह मान होंगे क्रमश:
$\alpha ,\;\beta $ और $\gamma - $ किरणों की क्रमबद्ध आयनीकरण क्षमता है
एक रेडियोधर्मी धातु के बीटा $(\beta)$ कण निम्नलिखित से उत्पन्न होते हैं
शुरूआत में रेडियोधर्मी वीटा–क्षय को केवल इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन के साथ नाभिक का क्षय माना गया था (स्थिति $I$)। परन्तु बाद में पाया गया कि इलेक्ट्रॉनों के साथ एक और लगभग भारहीन तथा अनावेशित कण भी उत्सर्जित होता है। (स्थिति $II$) नीचे दिखाये चित्र के अनुसार कौनसा कथन सही है।