एक रेडियोधर्मी धातु के बीटा $(\beta)$ कण निम्नलिखित से उत्पन्न होते हैं
धातु में उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉनों से
धातु के परमाणुओं के परिक्रमा करते इलेक्ट्रॉनों से
नाभिक से उत्सर्जित फोटॉनों द्वारा
धातु के परमाणुओं के नाभिक से
$_6^{12}C$ एक ऊर्जावान न्यूट्रॉन को अवशोषित करता है एवं $ \beta -$ कण उत्सर्जित करता है तब प्राप्त नाभिक होगा
$\alpha ,\;\beta $ और $\gamma - $ किरणों की क्रमबद्ध आयनीकरण क्षमता है
इस नाभिकीय क्षय में:
$_z{X^A}{ \to _{z + 1}}{Y^A}{ \to _{z - 1}}{K^{A - 4}}{ \to _{z - 1}}{K^{A - 4}}$
उत्सर्जित कणों का क्रम होगा
निम्न नाभ्किीय अभिक्रिया में $D$ की द्रव्यमान संख्या $182$ तथा परमाणु क्रमांक $74$ है तो $D _4$ की द्रव्यमान संख्या तथा परमाणु भार होगा ?
$D \stackrel{\alpha}{\longrightarrow} D _1 \stackrel{\beta^{-}}{\longrightarrow} D _2 \stackrel{\alpha}{\longrightarrow} D _3 \stackrel{\gamma}{\longrightarrow} D _4$
$1900$ के आसपास हुई खोज के अनुसार $\beta$-क्षय प्रक्रम वास्तव में न्यूटॉन $( n )$ का क्षय होता है। प्रयोगशाला में पाया गया है कि न्यूटॉन के क्षय होने पर प्रोटॉन $( p )$ तथा एक इलेक्ट्रॉन $(\overline{ e })$ जनित होते है। इसलिये, न्यूटॉन क्षय को द्वि-पिंडी क्षय-प्रक्रम मानकर, सैद्धांतिक गणना से यह सिद्ध किया गया कि इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा का मान स्थिर रहना चाहिए। लेकिन प्रयोगों ने दिखाया कि इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा के मान का संतत स्पेक्ट्रम होता है। त्रि-पिंडी क्षय प्रक्रम मानकर, अर्थात $n \rightarrow p+\overline{ e }+\bar{v}_{ e }, 1930$ के आसपास Pauli ने इलेक्ट्रॉन का देखा गया ऊर्जा स्पेक्ट्रम समझाया। प्रति-न्यूट्रिनों ( $\left.\bar{v}_e\right)$ को द्रव्यमान रहित व नगण्य ऊर्जा का मान कर और न्यूट्रॉन को स्थिर मान कर , संवेग व ऊर्जा संरक्षण के नियम गणना में लगायें गये जिससे इलेक्टॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा को $0.8 \times 10^6 eV$ आंका गया। प्रोटॉन की गतिज ऊर्जा केवल प्रतिक्षेप ऊर्जा है। प्रति न्यूट्रीनों की अधिकतम ऊर्जा है।
$1.$ प्रति न्यूट्रीनों की अधिकतम ऊर्जा है।
$(A)$ शून्य
$(B)$ $0.8 \times 10^6 eV$ से बहुत कम
$(C)$ लगभग $0.8 \times 10^6 eV$
$(D)$ $0.8 \times 10^6 eV$ से बहुत अधिक
$2.$ यदि प्रति न्यूट्रिनों का द्रव्यमान शून्य न होकर, $3 eV / c ^2$ हो, (जहाँ $c$, प्रकाश की गति है)तब इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा, $K$, का परास होगा
$(A)$ $0 \leq K \leq 0.8 \times 10^6 \ eV$
$(B)$ $3.0 eV \leq K \leq 0.8 \times 10^6 \ eV$
$(C)$ $3.0 eV \leq K < 0.8 \times 10^6 \ eV$
$(D)$ $0 \leq K < 0.8 \times 10^6 \ eV$
इस प्रश्न के उतर दीजिये $1$ ओर $2.$