किसी द्रव्यमान $m = 20\,gm$ पर आवेश $q = 3.0\,mC$ है। यह $20\,m/s$ के वेग से चलता हुआ एक ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करता है जहाँ विद्युत क्षेत्र $80\,N/C$ है तथा विद्युत क्षेत्र की दिशा वही है जो द्रव्यमान के वेग की। इस क्षेत्र में $3$ सैकण्ड के बाद बाद द्रव्यमान का वेग .......$m/s$ होगा
$80$
$56$
$44$
$40$
एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन एकसमान वैद्युत क्षेत्र में रखने पर उनके त्वरण का अनुपात होगा
समरूप विद्युत क्षेत्र ${10^3} \,V/m$. $y$-अक्ष के अनुदिश है। ${10^{ - 6}}\,C$ आवेश व $1\,g$ द्रव्यमान की वस्तु धनात्मक $x$-अक्ष के अनुदिश $10$ मीटर/सैकण्ड के वेग से प्रक्षेपित की जाती है। $10$ सैकण्ड बाद इसकी चाल मीटर/सैकण्ड में होगी (गुरुत्व को नगण्य मानते हुये)
क्षैतिज से $30^{\circ}$ के कोण बनाने वाले किसी आनत तल को $200\, \frac{ N }{ C }$ के एकसमान क्षैतिज विधुत क्षेत्र में रखा गया है। आरेख में दर्शाए अनुसार, $1\, kg$ द्रव्यमान के किसी पिण्ड को, जिस पर $5\, mC$ आवेश है, विराम की र्थिति से $1\, m$ ऊँचाई से इस तल पर सरकाया गया है यदि घर्षण गुणांक $0.2$ हैं तो इस पिण्ड को तली तक पहुँचने में लगने वाला समय $.......$ सेकण्ड होगा। $[ g =$ $9.8 \,m / s ^{2}, \sin 30^{\circ}=\frac{1}{2} ; \cos 30^{\circ}=\frac{\sqrt{3}}{2}$ ]
दिये गये चित्रों में दो स्थितियाँ दिखायी गयी हैं जिनमें दो अनन्त लम्बाई के एकसमान रैखिक आवेश घनत्व $\lambda$ (धनात्मक) के सीधों तार एक-दूसरे के समानान्तर रखे गये हैं। चित्रानुसार $q$ तथा $-q$ मान के बिन्दु आवेश तारों से समान दूरी पर उनके विधुत क्षेत्र समावस्था में रखे हुए हैं। ये आवेश केवल $x$-दिशा में चल सकते हैं। यदि आवेशों को उनकी समावस्था से थोड़ा सा विस्थापित करा जाये, तो सही विकल्प है (हैं)
एक आवेशित कण ( द्रव्यमान $m$ एवं आवेश $q )$ $X$ अक्ष के सापेक्ष $V _{0}$ वेग से गतिमान है। जब यह मूल बिन्दु से एकसमान विघुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }=- E \hat{ j }$ क्षेत्र से गुजरता है तो $x = d$ से विस्तारित होता है। क्षेत्र $X > d$ में इलेक्ट्रॉन पथ का समीकरण है