$50$ $\mu$F धारिता के एक संधारित्र का $10$ वोल्ट विभवान्तर तक आवेशित किया गया है, तो उसकी ऊर्जा होगी
$2.5 \times {10^{ - 3}}\;$जूल
$2.5 \times {10^{ - 4}}$जूल
$5 \times {10^{ - 2}}\;$जूल
$1.2 \times {10^{ - 8}}$जूल
$60 pF$ धारिता के एक संधारित्र को $20 V$ के स्त्रोत से पूरा आवेशित किया जाता है। तत्तपश्चात् इसे स्त्रोत से हटाकर $60 pF$ के एक दूसरे अनावेशित संधारित्र से पार्श्व संबंधन (parallel connection) में जोड़ा जाता है। जब आवेश पूरी तरह से दोनों संधारित्रों में वितरित हो जाये तो इस प्रक्रिया में स्थिर वैधुत ऊर्जा की क्षति $nJ$ में होती है।
एक संधारित्र पर आवेश $Q$ विभव $V$ के साथ परिवर्तित होता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, जहाँ $Q$, $X$-अक्ष के अनुदिश एवं $V$, $Y$-अक्ष के अनुदिश है। त्रिभुज $OAB$ प्रदर्शित करता है
एक धारिता $C$ के संधारित्र को विभव $V _{0}$ से आवेशित करके एक दूसरे $\frac{C}{2}$ धारिता के अनावेशित संधारित्र से समांतर क्रम में जोड़ा जाता है। जब आवेश दोनों संधारित्रों में वितरित हो जाता है, तो इस प्रक्रम में क्षयित ऊर्जा का मान होगा। ($CV _{0}^{2}$ में)
दो गोलीय चालकों को जिसकी प्रत्येक की धारिता $C$ है, विभव $V$ और $ - V$ तक आवेशित किया गया है तत्पश्चात् इन्हें एक बारीक तार से संबद्ध किया गया है। इससे ऊर्जा में ह्यस होगा
एक संधारित्र की क्षमता $4 \times {10^{ - 6}}$ फैराड है और इसका विभव $100$ वोल्ट है। इसे पूर्ण अनावेशित करने पर व्यय ऊर्जा ........जूल होगी